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नागपुर में हिंसा कैसे शुरू हुई? किस अफवाह ने बढ़ाई तनाव की आग? शहर कैसे जल उठा, जानें पूरा मामला

नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़क गई, जब एक संगठन द्वारा औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए प्रदर्शन के दौरान एक धर्मग्रंथ जलाए जाने की अफवाह फैल गई। इस घटना के बाद शहर के महल क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई, जिसमें पथराव के दौरान तीन पुलिसकर्मियों सहित नौ लोग घायल हो गए। पुलिस ने महल क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाकर 15 लोगों को गिरफ्तार किया। इससे पहले, पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुख्यालय वाले महल क्षेत्र में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। अधिकारियों ने बताया कि महल के बाद हंसपुरी इलाके में भी उपद्रव की कुछ घटनाएं सामने आईं, जहां उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी।

प्रशासन ने नागपुर शहर के कई इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र कुमार सिंगल ने बताया कि कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है, जो अगले आदेश तक लागू रहेगा।

महल में उपद्रव के दौरान पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार हुए। अधिकारियों ने बताया कि चिटनिस पार्क से शुक्रवारी तालाब रोड तक का इलाका हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हुआ, जहां दंगाइयों ने कई चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा, लोगों के घरों पर भी पत्थर फेंके गए।

हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?

पुलिस के अनुसार, हिंसा सोमवार देर शाम शुरू हुई, जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान अफवाह फैली कि प्रदर्शन के दौरान एक धर्मग्रंथ जलाया गया है। बजरंग दल के प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में गुस्सा फैल गया। गणेशपेठ थाने में धर्मग्रंथ जलाने की शिकायत दर्ज की गई, जिसके बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल इलाके में इकट्ठा होने लगे। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया। चिटनिस पार्क इलाके में पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। बजरंग दल के पदाधिकारियों ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।

संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई गई

पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), दंगा नियंत्रण पुलिस और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) को तैनात किया है। विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी बुलाया गया है। पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया और हिंसा में शामिल 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।

पीड़ितों ने बताई अपनी कहानी

हंसपुरी के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि नकाबपोश लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी। उनके हाथों में धारदार हथियार, स्टिक और बोतलें थीं। महल इलाके के एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उनकी कार सहित 25-30 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। उपद्रवियों ने घरों पर पत्थर फेंके और बच्चों को भी निशाना बनाया।

शांति बनाए रखने की अपील

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और अफवाहों पर विश्वास न करने को कहा। उन्होंने कहा कि पुलिस स्थिति को संभाल रही है और लोगों से सहयोग करने का आग्रह किया। नागपुर से सांसद नितिन गडकरी ने भी लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की।

कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल

कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों से मंत्रियों द्वारा भड़काऊ भाषण दिए जा रहे थे, जिससे हिंसा भड़की। सपकाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि नागपुर में सभी धर्मों के लोग सद्भाव से रहते हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने राज्य में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति पर सवाल उठाए।

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