
अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में स्थित नॉर्थ सेंटिनल द्वीप दुनिया के सबसे रहस्यमयी स्थानों में से एक माना जाता है। भारत सरकार ने इसे निषिद्ध जनजातीय आरक्षित क्षेत्र घोषित किया है, जिससे बाहरी लोगों का वहां जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद, हाल ही में एक अमेरिकी नागरिक को वहां अवैध रूप से प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस घटना की जानकारी पुलिस ने बुधवार को साझा की।
अमेरिकी नागरिक कैसे पहुंचा नॉर्थ सेंटिनल द्वीप?
पुलिस के अनुसार, मिखाइलो विक्टरोविच पोल्याकोव (24 वर्षीय) नाम के व्यक्ति को 31 मार्च को अपराध जांच विभाग (CID) ने हिरासत में लिया। आरोप है कि वह बिना किसी अनुमति के नॉर्थ सेंटिनल द्वीप पहुंचा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, पोल्याकोव 26 मार्च को पोर्ट ब्लेयर आया था। 29 मार्च की रात करीब 1 बजे उसने कुर्मा डेरा समुद्र तट से नाव द्वारा द्वीप की ओर प्रस्थान किया। नाव में उसने सेंटिनली जनजाति के लिए नारियल और अन्य चीजें रखी थीं। अगले दिन सुबह 10 बजे वह द्वीप के उत्तर-पूर्वी तट पर पहुंचा, जहां उसने दूरबीन से क्षेत्र का निरीक्षण किया।
द्वीप पर क्या किया पोल्याकोव ने?
पुलिस के अनुसार, पोल्याकोव लगभग एक घंटे तक वहां रुका। उसने सीटी बजाकर वहां के लोगों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। बाद में, वह पांच मिनट के लिए नीचे उतरा, किनारे पर भोजन छोड़ा, रेत के नमूने लिए और एक वीडियो रिकॉर्ड किया। इसके बाद दोपहर 1 बजे उसने वापसी यात्रा शुरू की और शाम 7 बजे वापस कुर्मा डेरा समुद्र तट पर पहुंचा, जहां उसे स्थानीय मछुआरों ने देख लिया।
पुलिस जांच और हिरासत
पुलिस महानिदेशक एच. एस. धालीवाल ने बताया कि हम आरोपी के नॉर्थ सेंटिनल जाने के उद्देश्य की जांच कर रहे हैं। इसके अलावा, हम यह भी पता लगा रहे हैं कि उसने अंडमान-निकोबार में और किन-किन जगहों का दौरा किया था।
पोल्याकोव जिस होटल में ठहरा था, वहां के कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने उसकी नाव, मोटर और अन्य सामान जब्त कर लिया है, जिसे उसने एक स्थानीय कार्यशाला में बनवाया था। अदालत के निर्देश पर उसे पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है और इस मामले की जानकारी गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अमेरिकी दूतावास को दे दी गई है।