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दमोह घटना के बाद भोपाल में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने अवैध क्लीनिक्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए

मध्य प्रदेश के दमोह में हाल ही में हुए फर्जी डॉक्टर नरेन उर्फ एन जॉन केम के मामले के बाद राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। भोपाल के चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देश पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जिले में चल रहे विभिन्न क्लीनिकों की जांच की। इस दौरान ‘मध्य प्रदेश उपचार्यागृह एवं रूजोपचार संबंधित स्थापना अधिनियम’ के तहत बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे क्लीनिकों पर कार्रवाई की गई। जांच में पता चला कि स्किन स्माइल क्लीनिक और कॉस्मो डर्मा स्किन एंड हेयर क्लीनिक में त्वचा रोगों और सौंदर्य उपचार किए जा रहे थे, जबकि इन क्लीनिकों में डर्मीटोलॉजिस्ट डॉक्टर मौजूद नहीं थे।

इसके अलावा, इन क्लीनिकों द्वारा जरूरी दस्तावेज भी नहीं दिखाए गए। सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने इन क्लीनिकों को नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। अवैध चिकित्सा व्यवसाय करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन, नगर निगम, मेडिसिन एडमिनिस्ट्रेशन और प्रदूषण नियंत्रण मंडल को भी इसकी सूचना दे दी गई है।

यह मामला पिछले दिनों दमोह में हुई घटना से जुड़ा है, जिसमें फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ नरेन यादव उर्फ ​​नरेन्द्र जॉन कैम ने मिशनरी अस्पताल की कैथ लैब में इलाज किया था, जिसके परिणामस्वरूप सात मरीजों की मौत हो गई थी। इस मामले में डॉक्टर नरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है, और कैथ लैब को पांच सरकारी डॉक्टरों की टीम ने सील कर दिया है। टीम के एक सदस्य डॉक्टर विक्रांत चौहान ने कहा कि जिला प्रशासन के आदेश पर कैथ लैब को सील किया गया, क्योंकि इस मामले से जुड़े पर्याप्त सबूत मिल चुके थे।

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