
वक्फ कानून को लेकर देशभर में गहमागहमी का माहौल है, और सबसे तीखी प्रतिक्रिया पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर खुलकर विरोध जताया है। कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में ममता बनर्जी ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और इमामों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि जहां हाल ही में हिंसा हुई, वह इलाका कांग्रेस के नियंत्रण में है, लेकिन बदनामी का ठीकरा बंगाल पर फोड़ा जा रहा है।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी यूपी और बिहार के पुराने वीडियो दिखाकर बंगाल को बदनाम कर रही है। उन्होंने कहा कि फर्जी खबरें फैलाकर झूठा माहौल बनाया जा रहा है और बीजेपी इसके पीछे है। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी बीएसएफ की है, और अगर बंगाल पर कुछ कहना है तो सामने आकर कहें, पर्दे के पीछे से नहीं।
उन्होंने इमामों और पुरोहितों दोनों का सम्मान करने की बात कहते हुए कहा कि बंगाल रवींद्रनाथ टैगोर की विचारधारा पर चलता है और हिंसा की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगा। ममता ने लोगों से अपील की कि वे बीजेपी की साजिशों में न फंसें, जो राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश कर रही है।
वक्फ कानून को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुस्लिम धर्मगुरुओं और इमामों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, महासचिव फज़लुर्रहीम मुजद्दीदी और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम समेत कई प्रमुख लोग शामिल हुए।
ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि वह इस कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि यह कानून शरीयत में हस्तक्षेप करता है और मुस्लिम समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा। यही वजह है कि राज्य में मुस्लिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस ने संसद में भी इस बिल का पुरजोर विरोध किया था। कानून पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बावजूद ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि वह इस कानून को बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा पहले ही इस कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुकी हैं।