
नई दिल्ली: सीलमपुर के चर्चित कुणाल मर्डर केस में ‘लेडी डॉन’ ज़िकरा से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि ज़िकरा नाबालिग लड़कों का एक गैंग तैयार कर रही थी, जिसमें 8 से 10 किशोर शामिल थे। वह इन लड़कों का इस्तेमाल इलाके में अपना दबदबा कायम रखने और लोगों को डराने के लिए करती थी। ज़िकरा जहां भी जाती, अपने साथ इन लड़कों को जरूर ले जाती थी।
कुणाल हत्याकांड में भी इन नाबालिग लड़कों की संलिप्तता की जांच हो रही है। जानकारी के मुताबिक, हमले से पहले ज़िकरा ने कुणाल की रेकी करवाने के लिए अपने नाबालिग साथियों को भेजा था। उन्होंने ज़िकरा को सूचित किया कि कुणाल GTB अस्पताल से बाहर निकल रहा है। इसके बाद ज़िकरा अपने गुर्गों के साथ रवाना हुई। वहीं, साहिल और दिलशाद ने मिलकर कुणाल पर चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि ज़िकरा, जेल में बंद कुख्यात महिला अपराधी ज़ोया की निजी बाउंसर रह चुकी है।
गुरुवार शाम को सीलमपुर में 17 वर्षीय कुणाल की बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें ज़िकरा भी शामिल है। शनिवार को उसकी पहली तस्वीर भी सामने आई।
पुलिस के अनुसार, घटना के समय कुणाल अपने बीमार पिता के लिए दूध लेने बाहर गया था। इसी दौरान कुछ दूरी पर ही उस पर हमला हुआ। गंभीर हालत में उसे नजदीकी JPC अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
हत्या के पीछे की वजह
पीड़ित के परिवार का कहना है कि कुछ समय पहले ज़िकरा के चचेरे भाई साहिल पर समुदाय के कुछ लड़कों ने हमला किया था, जिसकी शिकायत पर पुलिस ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। हालांकि, मृतक की मां परवीन का कहना है कि उसके बेटे का उस घटना से कोई लेना-देना नहीं था। फिर भी ज़िकरा और उसके साथियों ने उसे निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि ज़िकरा अक्सर पिस्तौल लेकर इलाके में घूमती थी और बेटे पर बेरहमी से कई बार चाकू से वार किया गया।
इस मामले में पुलिस जांच जारी है और नाबालिगों के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि कैसे एक महिला अपराधी ने बच्चों को गुमराह कर अपने इरादों के लिए इस्तेमाल किया