Posted By : Admin

मुर्शिदाबाद हिंसा पर दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया, कहा- सही प्रारूप में याचिका लाएं

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई हिंसा ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस घटना में भारी मात्रा में तोड़फोड़ और आगजनी हुई, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हुए। इसके बाद बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोगों ने क्षेत्र से पलायन किया। इस हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इन याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति कांत ने टिप्पणी की कि सुप्रीम कोर्ट एक दस्तावेजी अदालत है, और इसके निर्णयों को भावी पीढ़ियां देखेंगी। उन्होंने कहा कि याचिका दायर करते समय और आदेशों के लिए आवेदन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अदालत बार के हर सदस्य का सम्मान करती है, लेकिन सभी को जिम्मेदारी की भावना के साथ कार्य करना चाहिए।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता शशांक शेखर ने कहा कि उन्होंने ही पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में याचिका दायर की थी, और यह मामला भी मानवाधिकारों के उल्लंघन व राज्य में खराब कानून व्यवस्था से जुड़ा है। जब सुप्रीम कोर्ट ने उनसे पूछा कि उन्हें जानकारी कहां से मिली, तो उन्होंने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर उन्होंने याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने इस पर कहा कि वे जल्दबाजी कर रहे हैं। इसके जवाब में वकील ने याचिका वापस लेने और उसमें संशोधन की अनुमति मांगी।

अंततः सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे तथ्यों और उपयुक्त कथनों के साथ एक उचित याचिका दाखिल करें। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि वकीलों को जिम्मेदारी के साथ याचिका दायर करनी चाहिए और बेहतर सामग्री प्रस्तुत करनी चाहिए। अदालत ने उन्हें अपनी याचिका वापस लेने और संशोधित याचिका दाखिल करने की स्वतंत्रता दी है।

Share This