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पहलगाम आतंकी हमले में केरल का ग्रुप बचा, एक फैसले ने बदली किस्मत

22 अप्रैल की शाम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में उस वक्त कोहराम मच गया जब छुट्टियां मना रहे पर्यटकों पर आतंकियों ने हमला बोल दिया। इस भयावह हमले में 26 लोगों की जान चली गई और 17 से ज्यादा घायल हो गए। लेकिन इस त्रासदी के बीच केरल से आए 23 लोगों का एक ग्रुप महज एक फैसले की वजह से बाल-बाल बच गया।

घुड़सवारी छोड़, बदला रास्ता – बच गई जान

केरल हाउस, दिल्ली पहुंचे इस ग्रुप ने मीडिया को बताया कि वे पहलगाम में घुड़सवारी करने वाले थे, लेकिन जब उन्होंने किराया सुना तो प्लान बदल दिया और दूसरी जगह घूमने निकल गए। इस छोटे से निर्णय ने उनकी जान बचा ली। ग्रुप में शामिल एक महिला ने बताया, “हमने सोचा घुड़सवारी के बजाय टैक्सी लेकर किसी दूसरी जगह चलते हैं। और यही फैसला हमारी ज़िंदगी की सबसे बड़ी समझदारी बन गया।”

तेज धमाके, भगदड़ और फिर डर

जब यह ग्रुप बैसरन की ओर जा रहा था, तभी उन्हें ज़ोरदार आवाजें सुनाई दीं। हर तरफ अफरा-तफरी और दुकानें बंद होती देखी गईं। घबराए पर्यटकों ने अपने गाइड से उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाने को कहा। गाइड ने साफ कहा, “अब घूमना जरूरी है या ज़िंदा रहना?” इसके बाद सभी को तुरंत वहां से होटल भेज दिया गया।

होटल में मिली हमले की खबर

होटल पहुंचते ही न्यूज़ चैनलों से उन्हें पता चला कि जिस जगह वो जाने वाले थे, वहीं आतंकी हमला हुआ है। ग्रुप के एक सदस्य ने कहा, “अगर हम घुड़सवारी के लिए रुक जाते, तो शायद आज ज़िंदा न होते।”

सुरक्षा में चूक बनी हमले की वजह?

ग्रुप के एक सदस्य ने चिंता जताई कि पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था कमजोर थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने सड़कों पर तो सुरक्षाबलों की मौजूदगी देखी, लेकिन उस स्थान पर जहां हमला हुआ, वहां कोई कड़ा सुरक्षा इंतजाम नहीं था।

पुलवामा के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला

यह हमला 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद सबसे भीषण माना जा रहा है। सेना ने तुरंत इलाके को घेर लिया और जांच शुरू की। तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच और तस्वीरें जारी कर दी गई हैं, जिन पर 20-20 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है।

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