
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस कायराना हमले में कई महिलाओं ने अपनी आंखों के सामने अपने पतियों को खो दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों को उनके किए की सजा जरूर मिलेगी।
लेकिन इस हमले का असर सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा। पाकिस्तान की बेटियों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। भारत सरकार ने इस हमले के बाद कड़ा कदम उठाते हुए अटारी-वाघा बॉर्डर को बंद कर दिया, जिसके चलते कई दुल्हनें बारात का इंतजार करती रह गईं, लेकिन बारात भारत से पाकिस्तान नहीं पहुंच सकी।
भारत सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जो भारतीय नागरिक पाकिस्तान में हैं, वे 1 मई तक लौट सकते हैं। वहीं, भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर अपने देश लौटने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले के चलते कई लोग, जो शादी या पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए पाकिस्तान जाने वाले थे, अब नहीं जा पाए।
राजस्थान के रहने वाले शैतान सिंह की शादी पाकिस्तान में तय थी। वे गुरुवार को अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान जाने वाले थे, लेकिन सीमा बंद हो जाने के कारण उन्हें रुकना पड़ा। उन्होंने कहा, “आतंकियों का हमला निंदनीय है। हमें अब जाने की इजाज़त नहीं मिल रही है। देखना होगा आगे क्या होता है।”
इसी तरह, सुरिंदर सिंह भी अपने भाई की शादी में शामिल होने पाकिस्तान जाने वाले थे। उन्होंने बताया, “मेरे परिवार के कुछ सदस्य पाकिस्तान में रहते हैं, और मैं शादी के लिए वहां जाने वाला था। मगर अब योजना स्थगित करनी पड़ी।”
इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान गई है, जिनमें दो विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। आतंकियों ने निर्दोष पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी। यह हमला केवल जान लेने के लिए नहीं, बल्कि समाज में दरार पैदा करने की साजिश भी थी।