हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस निर्मम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता एक बार फिर सामने आ गई है। हमले की जांच में यह साफ हो गया है कि इसका मास्टरमाइंड हाशिम मूसा नाम का आतंकी है, जो पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व पैरा कमांडो रह चुका है। हाशिम मूसा को पाकिस्तानी सेना ने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन को सौंप दिया था ताकि वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके।
मूसा इससे पहले भी गांदरबल और बूटा पथरी जैसे आतंकी हमलों में शामिल रह चुका है। गांदरबल के गगनगीर इलाके में अक्टूबर 2024 में हुए हमले में 7 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जबकि बूटा पथरी में दो सैनिक शहीद हुए और एक आम नागरिक मारा गया। अब पहलगाम में भी उसने नृशंस नरसंहार को अंजाम दिया।
पाकिस्तान की पोल खुली
पाकिस्तानी सरकार और सेना लगातार इस हमले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन जांच एजेंसियों और खुफिया सूत्रों के पास मौजूद पुख्ता सबूतों ने पाकिस्तान के झूठ को पूरी तरह बेनकाब कर दिया है। हमले के वक्त हाशिम मूसा सैटेलाइट फोन के जरिए पाकिस्तान से निर्देश ले रहा था। इससे यह साफ है कि पाकिस्तानी सेना और ISI की इस साजिश में सीधी भागीदारी है।
पाक सेना और आतंकी संगठनों की मिलीभगत
हाशिम मूसा को विशेष रूप से ऐसे खतरनाक मिशनों के लिए चुना गया क्योंकि वह पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स में ट्रेनिंग प्राप्त पैरा कमांडो है। लश्कर और पाक सेना की यह गहरी साठगांठ इस बात की गवाही देती है कि पाकिस्तान सिर्फ आतंकी संगठनों को समर्थन नहीं देता, बल्कि अपने सैनिकों को भी आतंक के रास्ते पर भेजता है।
भारत की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों पर भारतीय सेना और पुलिस की कड़ी नजर है। कई आतंकियों की हिट लिस्ट तैयार की गई है। इनमें सोपोर से आदिल रहमान, पुलवामा के आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट, शोपियां के आसिफ अहमद, नसीर अहमद, शाहिद अहमद, आमिर अहमद डार और अदनान डार, अनंतनाग से जुबैर अहमद वानी और हारून राशिद गनी जैसे नाम शामिल हैं। इन सभी को जल्द ही निष्क्रिय करने की योजना बनाई जा रही है।
देश इस हमले के बाद बेहद आक्रोशित है और अब जनता पाकिस्तान पर कड़ा एक्शन चाहती है। यह हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता पर हमला है, जिसका जवाब जरूर दिया जाएगा।

