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‘यह देश के लिए सही नहीं’, मायावती ने पहलगाम हमले को लेकर राजनैतिक दलों पर निशाना साधा

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें से अधिकतर पर्यटक और हिंदू समुदाय से थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकियों ने हमले के दौरान पीड़ितों की धार्मिक पहचान जानने के लिए पहले उनसे कलमा पढ़ने को कहा और फिर उनके कपड़े उतरवाकर धर्म की पुष्टि की। इस निर्मम नरसंहार के बाद पूरे देश में रोष फैल गया है और पाकिस्तान तथा आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक हलकों में भी तीखी बहस छिड़ी हुई है। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने सभी राजनीतिक दलों को एकजुट रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि, “इस हमले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सभी पार्टियों को सरकार के साथ खड़े होकर देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, न कि इस मसले का इस्तेमाल कर सस्ती बयानबाजी और पोस्टरबाजी की जाए। इससे जनता के बीच भ्रम पैदा होता है, जो राष्ट्रहित में नहीं है।”

मायावती ने यह भी कहा कि इस कठिन समय में केंद्र सरकार को ऐसे ठोस कदम उठाने चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों और जनता का भरोसा बहाल हो सके।

साथ ही, बीएसपी प्रमुख ने सपा और कांग्रेस को डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम और छवि का अनुचित राजनीतिक उपयोग न करने की चेतावनी दी। उन्होंने लखनऊ की एक होर्डिंग का जिक्र किया जिसमें बाबा साहेब आंबेडकर के चेहरे के साथ सपा नेता अखिलेश यादव की तस्वीर जोड़ी गई थी। मायावती ने इसे डॉ. आंबेडकर का अपमान बताया और कहा कि यदि ऐसी हरकतें बंद नहीं हुईं, तो बीएसपी सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी।

इस पूरी घटना ने न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण और ज़िम्मेदारी पर भी विचार करने को मजबूर किया है।

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