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भारत में 17 साल तक रह चुका था, पाकिस्तान भेजने की प्रक्रिया के बीच हुआ हार्ट अटैक , हुई मौत

अमृतसर में 69 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक की बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। उसे पाकिस्तान भेजने का आदेश था, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे श्रीनगर से लाकर भारत-पाक सीमा पर भेजने की तैयारी की थी। अधिकारियों के मुताबिक, वह पिछले 17 सालों से भारत में रह रहा था, और उसकी वीजा अवधि समाप्त हो चुकी थी।

इसी दौरान, ‘नो ऑब्लीगेशन टू रिटर्न टू इंडिया’ (NORI) वीजा धारक 224 भारतीय और पाकिस्तानी नागरिकों ने अटारी सीमा के एकीकृत जांच चौकी (ICP) के माध्यम से भारत में प्रवेश किया, जबकि 139 पाकिस्तानी नागरिक दूसरी ओर चले गए।

मोनिका राजानी ने साझा की अपनी कहानी पाकिस्तानी पासपोर्ट की धारक 35 वर्षीय मोनिका राजानी के पास NORI वीजा और लॉन्ग टर्म वीजा दोनों हैं। वह अपनी 5 साल की बेटी सैमारा के साथ भारत आईं। मोनिका ने बताया, “मैं पाकिस्तान से भारत इसलिए आई हूं क्योंकि मुझे डर था कि ICP कभी भी बंद हो सकती है। मैं एक हिंदू परिवार से हूं और करीब नौ साल पहले विजयवाड़ा में एक हिंदू से शादी की थी। विजयवाड़ा से मेरे ससुराल वाले और पति मुझे लेने के लिए यहां इंतजार कर रहे थे।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं अपराह्न तीन बजे भारत पहुंची, और सीमा शुल्क और आव्रजन मंजूरी में लगभग तीन घंटे लग गए। गर्मी की वजह से अपनी मां के साथ यात्रा कर रहे बच्चों के लिए मंजूरी लेने का इंतजार करना काफी मुश्किल था।”

पहलगाम हमले के बाद सरकार की कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई कड़े कदम उठाए। इन कदमों में सिंधु जल संधि को निलंबित करना, इस्लामाबाद के साथ राजनयिक संबंधों को घटाना, और अल्पकालिक वीजा पर आए पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने या कार्रवाई के लिए तैयार रहने का आदेश देना शामिल था।

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