गोवा के शिरगांव मंदिर में शुक्रवार को आयोजित वार्षिक लैराई जत्रा के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 6 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब मंदिर परिसर में भीड़ काफी ज्यादा हो गई और अचानक अफरातफरी फैल गई। लोग जान बचाने के लिए एक-दूसरे को धक्का देते हुए इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटनास्थल पर हालात बेहद भयावह हो गए थे, लोग एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते जान बचाने की कोशिश कर रहे थे।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और आपातकालीन सेवाएं तुरंत मौके पर पहुंचीं और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता देते हुए तत्काल कदम उठाए गए।
हालांकि भगदड़ के कारणों की अधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों में बताया गया है कि ज्यादा भीड़ और पर्याप्त प्रबंध न होने के चलते यह हादसा हुआ।
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तुरंत कदम उठाए गए हैं। 108 एम्बुलेंस सेवा के साथ समन्वय करते हुए कुल पांच एम्बुलेंस घटनास्थल पर भेजी गई हैं, जिनमें से तीन असिलो में तैनात हैं और तीन अतिरिक्त एम्बुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
अब तक कुल 30 लोगों के हताहत होने की सूचना है। इनमें से 8 घायलों की हालत गंभीर है, जिनमें से दो मरीजों को इंट्यूबेट किया गया है। इन्हें जीएमसी में सुपर स्पेशियलिटी उपचार के लिए भेजा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि जीएमसी में 10 मरीज गंभीर हालत में हैं और उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। अस्पताल में वेंटिलेटर से लैस एक विशेष आईसीयू भी तैयार किया गया है और अतिरिक्त डॉक्टरों को तैनात किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं, जीएमसी और 108 को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जीएमसी और असिलो के चिकित्सा अधीक्षकों को स्थिति की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जनता को समय-समय पर जानकारी दी जाती रहेगी।

