संसदीय कार्य मंत्रालय ने हाल ही में उन सांसदों के नामों की घोषणा की है जो विदेशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इस पहल के तहत मोदी सरकार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शशि थरूर को एक अहम भूमिका सौंपी है। वे अमेरिका में भारत की बात रखेंगे और पाकिस्तान की आतंकी भूमिका को वैश्विक मंचों पर उजागर करेंगे।
ऑपरेशन सिंदूर: एक सशक्त संदेश
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाकर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर जबरदस्त प्रहार किया। इस सटीक कार्रवाई को न सिर्फ आम जनता, बल्कि सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पूरा राजनीतिक नेतृत्व एकजुट नजर आया।
8 देशों में जाएंगे सांसद
सरकार की योजना के मुताबिक, भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को वैश्विक मंचों पर स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने के लिए 8 अलग-अलग देशों में सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजे जाएंगे। इस पूरे अभियान का संचालन संसदीय कार्य मंत्रालय कर रहा है, जो विदेश मंत्रालय के सहयोग से इस रणनीति को अंतिम रूप दे चुका है।
राजनीतिक एकता की मिसाल
इन प्रतिनिधिमंडलों में सभी प्रमुख दलों के सांसद शामिल होंगे। इसका उद्देश्य यह दिखाना है कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ एक सरकार की नहीं, बल्कि पूरे देश की सामूहिक इच्छाशक्ति का परिणाम है।
प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य
प्रत्येक दल में लगभग 6 सांसद होंगे, जिनमें विभिन्न दलों के फ्लोर लीडर्स नेतृत्व करेंगे। इनका मकसद होगा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह बताना कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन भारत की संप्रभुता के लिए खतरा बन चुके हैं और भारत ने जवाबी कार्रवाई संयम और दृढ़ता के साथ की है।
प्रतिनिधिमंडलों का उद्देश्य होगा वैश्विक नीति-निर्माताओं, मीडिया, थिंक टैंकों और सरकारों को यह स्पष्ट करना कि भारत ने यह कदम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उठाया, न कि किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन करने के लिए।
यह अभियान भारत की सशक्त और एकजुट लोकतांत्रिक नीति का प्रतीक बनेगा, जिससे दुनिया को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट और दृढ़ है।

