गाजीपुर में बुलडोजर कार्रवाई के बाद सांसद अफजाल अंसारी ने पीड़ितों से मुलाकात की और उनके नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री बांटी। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस दिन धरती पर धर्मावतार का आगमन हुआ, उसके अगले ही दिन गरीबों को उजाड़ दिया गया।सरकारी पक्ष का दावा है कि यह जमीन सरकारी है।
इस पर अफजाल अंसारी ने सवाल उठाया कि क्या यहां रहने वाले लोग बांग्लादेश, चीन या पाकिस्तान से आए हैं? जो भारत के नागरिक हैं, उनकी रोटी, कपड़ा और मकान की जिम्मेदारी सरकार की है।बुलडोजर कार्रवाई पर भड़के अफजाल
उन्होंने कहा कि जिन मकानों में लोग 75 साल से रह रहे हैं, वह जमीन ब्रिटिश सरकार ने अधिग्रहित की थी, जो आजादी के बाद भारत सरकार के अधीन आई। भारत सरकार उदार है, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान से आए लोगों को नागरिकता देती है। फिर अपने देश के नागरिकों के साथ बिना पूर्व सूचना के बुलडोजर चलाना असंवैधानिक है। यह गरीबों के प्रति अन्याय है और महापाप की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि आद्रा नक्षत्र में तो चिड़िया का घोंसला भी नहीं तोड़ा जाता। साथ ही आरोप लगाया कि बड़े अतिक्रमणकारियों से साठ-गांठ कर उनके आधे निर्माण को छोड़ दिया गया।सड़क से संसद तक लड़ाई का ऐलान
अफजाल अंसारी ने कहा कि इस अन्याय के खिलाफ वह सड़क से लेकर संसद और न्यायपालिका तक लड़ाई लड़ेंगे। पीएम आवास योजना के तहत बनी इमारतों पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों (सीडीओ, डीडीओ) ने जमीनों का सत्यापन किया, उन्हें अब तक निलंबित क्यों नहीं किया गया? सत्यापन में दावा किया गया था कि जमीन पीढ़ियों से उनकी है, फिर अब इसे सरकारी कैसे घोषित किया जा रहा है? उन्होंने मांग की कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए, क्योंकि गाजीपुर में फर्जी प्रमाणपत्रों का गोरखधंधा चल रहा है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

