मेरठ – डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन कोरोना काल में कुछ डॉक्टर लोगों का काल बन रहे हैं। मामला मेरठ का है जहाँ एक हॉस्पिटल में डिलीवरी के समय हॉस्पिटल में महिला और उसके नवजात शिशु की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह लोगों को शांत कराया और हॉस्पिटल पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
बता दें कि थाना ब्रह्मपुरी इलाके के रानी मेल पर शिवाया हॉस्पिटल है। आज दोपहर अट्टा चिंदौड़ी निवासी नीतू को डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। नीतू का इलाज डॉ शिखा सेठ से चल रहा था और शिखा सेठ के परामर्श पर ही इस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि नीतू की डिलीवरी के समय शिखा सेठ हॉस्पिटल नहीं पहुंची बल्कि हॉस्पिटल के स्टाफ से फोन पर ही बात करके सलाह देती रही। जिसके बाद नीतू की डिलीवरी हॉस्पिटल कंपाउंडर और सफाई कर्मचारियों से ही करवा दी इतना ही नहीं नीतू को एक्सपायर्ड इंजेक्शन भी लगा दिए गए जिसकी वजह से नीतू की मौत हो गई। नीतू का नवजात शिशु भी कुछ देर बाद अपनी मां के साथ ही मौत की नींद सो गया। गुस्साए परिजनों ने हॉस्पिटल और डॉक्टर शिखा सेठ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। सूचना पर सीओ ब्रह्मपुरी पुलिस फोर्स के साथ हॉस्पिटल पहुंचे और परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। पुलिस ने आश्वासन दिया कि तहरीर और हॉस्पिटल की जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।