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महागठबंधन से पहले ही कांग्रेस का ऐलान, 17 विधायकों को फिर मिला टिकट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस ने अपनी रणनीति साफ कर दी है। महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा से पहले ही पार्टी ने यह तय कर दिया है कि वह अपने मौजूदा 17 विधायकों को दोबारा मैदान में उतारेगी। यानी इस बार किसी भी कांग्रेस विधायक का टिकट नहीं कटेगा।
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक शुक्रवार को दिल्ली में हुई, जिसमें यह फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता अजय माकन ने की। इस दौरान बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, विधान परिषद में नेता मदन मोहन झा सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। बैठक में प्रत्याशियों के नामों के साथ-साथ चुनावी रणनीति और संगठनात्मक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
इससे पहले गुरुवार को पटना में प्रदेश चुनाव समिति की अहम बैठक हुई थी। उस बैठक में आलाकमान को उम्मीदवारों की सूची तय करने का अधिकार सौंपा गया था। इसके बाद उम्मीदवारों की फाइल दिल्ली भेजी गई, जहां स्क्रीनिंग कमेटी ने मौजूदा विधायकों पर भरोसा जताते हुए उन्हें दोबारा टिकट देने का फैसला लिया।
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन जीत केवल 19 पर मिली। बाद में पार्टी के दो विधायक एनडीए में शामिल हो गए। वर्तमान में कांग्रेस के पास 17 विधायक ही हैं और अब इन्हें दोबारा टिकट देने का ऐलान हो चुका है।
कांग्रेस के इस फैसले से यह संकेत मिलता है कि पार्टी इस बार संगठनात्मक एकजुटता पर ज्यादा जोर दे रही है और मौजूदा विधायकों पर भरोसा जताकर चुनावी मैदान में उतरना चाहती है। वहीं राजनीतिक हलकों में इस कदम को कांग्रेस की “सेफ प्ले स्ट्रैटेजी” भी बताया जा रहा है, ताकि टिकट वितरण से असंतोष और गुटबाजी की स्थिति पैदा न हो।

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