बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर NDA गठबंधन में सिकंदरा विधानसभा सीट को लेकर विवाद तेज हो गया है। केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने इस सीट पर बीजेपी सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की ओर से हो रही दावेदारी पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि गठबंधन की आत्मा और धर्म के तहत एक दूसरे की जीती हुई सीटों पर दखल देना गलत है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि सिकंदरा विधानसभा सीट का वर्तमान विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी हैं, जो उनकी पार्टी से हैं, और हर हाल में वहीं से उनकी पार्टी का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा। मांझी ने चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह गठबंधन धर्म के खिलाफ है कि किसी दूसरे दल की जीत हुई सीट पर अपने उम्मीदवार को उतारा जाए।
सिकंदरा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और पिछले कई चुनावों में इस सीट पर लगातार दलों के बीच टक्कर रही है। 2020 में यह सीट हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रफुल्ल कुमार मांझी के कब्जे में थी। इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, जदयू, हम और लोजपा आदि पार्टियों की टक्कर सियासी रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है।
चिराग पासवान की पार्टी लोजपा की ओर से सिकंदरा सीट पर दावेदारी ने गठबंधन के अंदर विवाद की स्थिति पैदा कर दी है। हालांकि चिराग पासवान का कहना है कि उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से सीटों का दावा नहीं किया है और गठबंधन धर्म का पालन किया है। मगर मांझी ने इसे गठबंधन की नीति के खिलाफ बताया।
सिकंदरा सीट की यह लड़ाई, बिहार के चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे सकती है। गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद चुनावी रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि सिकंदरा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में गठबंधन के भीतर एकजुटता बनाए रखना और एक दूसरे की जीत की सीटों का सम्मान करना खास होगा।

