नई दिल्ली।
भारत राष्ट्रीय सेवक संघ के तत्वाधान में आयोजित “भारत की मिट्टी भारत स्वाभिमान क्रांति रथ यात्रा रैली” का शुभारंभ 3 अक्टूबर 2025 को देश की राजधानी नई दिल्ली से हुआ। यह ऐतिहासिक रथ यात्रा 15 अक्टूबर 2025 को भारत-नेपाल सीमा बहराइच तक पहुँचेगी।
इस यात्रा का उद्देश्य केवल रैली भर नहीं, बल्कि जन-जन में राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक जागरूकता का संचार करना है। इसमें युवाओं, महिलाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
यात्रा के दौरान विभिन्न शहरों और कस्बों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जनसभाएँ और संवाद गोष्ठियाँ आयोजित की जा रही हैं, जिनमें भारतीय संस्कृति, सामाजिक समरसता और नागरिक कर्तव्यों पर विशेष बल दिया जा रहा है।
रथ यात्रा के प्रमुख उद्देश्य
- नागरिक कर्तव्य: हर नागरिक को अपने दायित्वों का बोध कराना।
- आत्मबोध और आत्मगौरव: स्वयं को पहचानना और आत्मचेतना विकसित करना।
- पर्यावरण संरक्षण: स्वच्छता और हरित भारत का संदेश।
- कुटुंब प्रबोधन: परिवार और समाज में जागरूकता का प्रसार।
- सामाजिक समस्याओं का समाधान: समाज में समरसता और समानता की स्थापना।
- देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता: मातृभूमि के प्रति निष्ठा और जागरूकता।
- सांस्कृतिक संरक्षण: भारतीय धरोहर और परंपराओं का संवर्धन।
भावनात्मक संदेश
यात्रा केवल भौगोलिक दूरी तय नहीं कर रही, बल्कि दिलों को जोड़ रही है। यह यात्रा संस्कारों को पुनर्जीवित करने और राष्ट्रप्रेम की अग्नि प्रज्ज्वलित करने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है।
काव्यात्मक आह्वान
“आओ मिलकर क़दम उठाएँ,
देशभक्ति के गीत गाएँ।
भारत की मिट्टी – भारत का मान,
देश की धड़कन देश की शान।
अनेकता में एकता का संदेश,
भारत का स्वाभिमान भारत का अभिमान।”
इस ऐतिहासिक रथ यात्रा को दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करने में मनोज कुमार श्रीवास्तव (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय केसरिया वाहिनी) तथा संगठन के प्रमुख पदाधिकारी अनिल सिंह, संजीव श्रीवास्तव और आलोक श्रीवास्तव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
यह रथ यात्रा न केवल भारत के गौरवशाली इतिहास का स्मरण कराती है, बल्कि भविष्य के भारत को स्वाभिमानी, संस्कारित और सशक्त बनाने का आह्वान भी करती है।

