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कच्छ के रण में 10 लाख एकड़ ग्रीन गोल्ड प्रोजेक्ट : अम्बानी-अडानी का बड़ा निवेश कौन बनेगा भारत का ग्रीन गोल्ड सम्राट?

गुजरात के कच्छ में खारे नमक के बंजर रेगिस्तान में बड़े पैमाने पर ऊर्जा और निवेश का भूचाल आने वाला है। खबर है कि भारत के दो सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी ने इस इलाके में करीब 10 लाख एकड़ जमीन खरीदी है। यह क्षेत्रफल लगभग 5 सिंगापुर के बराबर है। इसे अक्सर ‘ग्रीन गोल्ड माइन’ भी कहा जाता है, क्योंकि यह प्रोजेक्ट भारत के ऊर्जा भविष्य (India’s Energy Future) को तय करने की क्षमता रखता है।

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत दोनों उद्योगपतियों की अलग-अलग योजनाएं हैं। मुकेश अंबानी इस जमीन का इस्तेमाल सोलर मैन्युफैक्चरिंग (Solar Manufacturing) और हरित ऊर्जा उपकरण बनाने के लिए करेंगे, जबकि अडानी समूह इसे पावर जनरेशन और रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स में लगायेगा। इस तरह, दोनों अलग-अलग क्षेत्रों में भारत की ग्रीन एनर्जी (Green Energy) क्षमता को मजबूत करेंगे।

लेकिन सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर इतने बड़े स्तर पर निवेश क्यों किया जा रहा है? विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल पर्यावरण के लिए नहीं है। रिन्यूएबल एनर्जी अब इकोनॉमिक्स का बड़ा खेल (Economic Game) बन चुकी है। सोलर पावर, विंड पावर और अन्य हरित ऊर्जा स्रोत अब लंबे समय में बेहद लाभदायक निवेश साबित हो रहे हैं। इस क्षेत्र में जो भी सबसे पहले बड़े पैमाने पर काम करेगा, वही ‘ग्रीन गोल्ड सम्राट’ कहलाने का हकदार होगा।

इस निवेश का भारत के लिए अर्थव्यवस्था और ऊर्जा पर भी बड़ा असर होगा। इससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता (Energy Independence) बढ़ेगी, विदेशी तेल और गैस पर निर्भरता कम होगी और साथ ही लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। गुजरात के कच्छ का रेगिस्तान अब सिर्फ एक सूखा इलाका नहीं रहेगा, बल्कि भारत के हरित ऊर्जा और आर्थिक भविष्य का केंद्र (Center of India’s Green Energy Future) बनने जा रहा है।

संक्षेप में कहा जाए तो, अंबानी और अडानी का यह बड़ा निवेश भारत के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति ला सकता है, और आने वाले समय में यह तय करेगा कि कौन बनेगा भारत का अगला ग्रीन गोल्ड सम्राट।

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