रामपुर में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वरिष्ठ नेता आज़म खान से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब दो साल बाद हुई और इसे पार्टी और प्रदेश की राजनीति के विचार से काफी अहम माना जा रहा है।
अखिलेश यादव बुधवार को लखनऊ से बरेली पहुंचे और वहां से सड़क के रास्ते रामपुर गए। उन्होंने आज़म खान के घर जाकर करीब एक घंटे तक बात की। दोनों नेताओं के बीच निजी और राजनीतिक मुद्दों पर बातचीत हुई। इस मुलाकात को लेकर राजनैतिक घेरो में चर्चा है कि यह सिर्फ हालचाल पूछने की भेंट नहीं थी, बल्कि इसके पीछे बड़ा संदेश है।
मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि आज़म खान समाजवादी पार्टी के पुराने और मजबूत नेता हैं। उन्होंने कहा कि आज़म खान पर जो भी झूठे मुकदमे लगाए गए हैं, अगर सपा की सरकार बनती है तो उन्हें वापस लिया जाएगा। अखिलेश ने यह भी कहा कि आज़म खान जैसे नेताओं को न्याय जरूर मिलेगा।
इस दौरान अखिलेश ने भावुक होकर कहा कि वे आज़म साहब को पार्टी का “पुराना दरख्त” मानते हैं, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं और जिसका साया पूरे संगठन पर है।
दोनों नेताओं ने एक साथ लंच भी किया। जब अखिलेश घर पहुंचे तो आज़म खान खुद उन्हें दरवाजे पर रिसीव करने आए। गले लगकर मुलाकात हुई और दोनों की आंखें नम हो गईं। इस मौके की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं।
कुछ रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि आज़म खान ने साफ कह दिया था कि वे सिर्फ अखिलेश यादव से ही मिलना चाहते हैं, और किसी अन्य सपा नेता से नहीं। यही वजह रही कि मुलाकात में न तो स्थानीय विधायक थे, न ही अन्य नेता।
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इस मुलाकात से समाजवादी पार्टी एक तरफ तो आज़म खान को सम्मान देकर पार्टी में उनकी जगह मजबूत कर रही है, वहीं मुस्लिम वोटरों को यह संदेश भी दे रही है कि पार्टी उनके नेताओं को लेकर गंभीर है।
कुछ लोगों का यह भी कहना है कि आज़म खान पिछले कुछ समय से पार्टी से नाराज़ थे क्योंकि जेल में रहते हुए उन्हें सपा के बड़े नेताओं का साथ नहीं मिला था। लेकिन अब यह मुलाकात इन नाराज़गियों को खत्म करने का संकेत मानी जा रही है।
आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह मुलाकात पार्टी के अंदर की दरारों को भरने की कोशिश भी मानी जा रही है। अब देखना होगा कि इस सियासी मुलाकात का आगे कितना असर पड़ता है और क्या वाकई इससे पार्टी को मजबूती मिलती है या फिर सियासत में एक नई खिचंच शुरू होती है।

