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यूपी उप चुनाव – भाजपा के टिकट के लिए कई दावेदार, कौन हो सकता है प्रत्याशी?

लखनऊ – उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी ताकत लगा रही है,चुनाव के मद्देनज़र एक एक सीटों पर कई दावेदार सामने आ रहे है, भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है,कुछ संभावित उम्मीदवार है जिन्हे पार्टी अपना कैंडिडेट बना सकती है.

1. बांगरमऊ, उन्नाव – विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा होने के उपरांत ये सीट खाली हुई है,यहाँ से पार्टी को 2 दर्जन लोगो ने टिकट का आवेदन किया है हालांकि माना जा रहा है की इस सीट पर कुलदीप सिंह सेंगर की फैमिली से ही किसी को टिकट मिलने की संभावना है. पत्नी संगीता सेंगर के लड़ने की संभावना है. इसके अलावा नवाबगंज ब्लॉक प्रमुख अरुण सिंह के नाम की भी चर्चा है.

2. देवरिया – विधायक जन्मेजय सिंह के निधन के कारण खाली हुई इस सीट पर उनके बेटे के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है. जन्मेजय सिंह के बेटे अजय प्रताप सिंह ऊर्फ पिण्टू सिंह ही क्षेत्र का पूरा कामकाज देखते रहे हैं. हालांकि कई और नेता अपनी गोटी सेट करने में लगे हैं. पूर्व सांसद श्री प्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे शशांक मणि त्रिपाठी, संजय सिंह शंखवार, अलका सिंह और प्रमोद सिंह के नाम की भी चर्चा तेज है.

3 .मल्हनी, जौनपुर – समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव के निधन के चलते ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी की बड़ी लड़ाई है. पार्टी कभी इस सीट से नहीं जीती. इस सीट पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कभी छात्र नेता रहे मनोज सिंह की दावेदारी मानी जा रही है. वे बरसठी से ब्लाक प्रमुख रहे हैं. इसके अलावा 2017 में बीजेपी से लड़ चुके सतीश सिंह भी दावेदारी कर रहे है,सम्भावना है की यह सीट भाजपा निषाद पार्टी को दे दे. उम्मीद्वार के रूप में बाहुबली धन्नंजय सिंह का नाम आगे है.

4. स्वार, रामपुर – बीजेपी के लिए दूसरी बड़ी चुनौती स्वार सीट है. इसपर भी उसे कभी जीत नहीं मिली है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम का चुनाव रद्द होने से ये सीट खाली हुई है. इस सीट पर बीजेपी इस बार पूरी ताकत लगायेगी. तीन नामों की चर्चा पूरे रामपुर में है. आकाश सक्सेना हन्नी, लक्ष्मी सैनी और हरिओम मौर्या. हरिओम मौर्या मसवासी नगर पंचायत के चेयरमैन हैं. लक्ष्मी सैनी पिछला और उससे पहले का एक चुनाव हार चुकी हैं.

5. टूण्डला, फिरोजोबाद – एसपी सिंह बघेल के बीजेपी से सांसद बनने के बाद से ये सीट खाली चल रही है. इस सीट पर बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए अभी तक 18 आवेदन आ चुके हैं. इनमें पांच पूर्व विधायक, कुछ स्थानीय नेता और कुछ ऐसे नेता भी शामिल हैं जो आगरा से हैं, लेकिन टूण्डला से चुनाव लड़ना चाहते हैं. बीजेपी की जिला यूनिट में पदाधिकारी नीलम दिवाकर, पूर्व विधायक मोहनदेव शंखवार, पूर्व विधायक शिव सिंह चक का नाम तेजी से उभरा है.

6. बुलंदशहर – बुलंदशहर की सीट बीजेपी के वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते खाली हुई है. इस पर दावेदारों की लंबी फौज सामने आई है. वीरेंद्र सिरोही के दोनों बेटे दिग्विजय और विनय सिरोही चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसके अलावा लोकल कमिटी के कई पदाधिकारी और बिजनेसमैन भी दौड़ में बने हैं. जिला महामंत्री रहे रविन्द्र राजौरा, प्रताप चौधरी, सुंदरपाल तेवतिया, जगदीश दहिया के नाम बुलंदशहर में चर्चा में हैं. चर्चा तो इस बात की भी है कि दिवंगत वीरेंद्र सिरोही के परिवार में ही कई दावेदार उठ खड़े हुए हैं.

7. घाटमपुर, कानपुर – मंत्री कमलरानी वरुण के निधन से यह सीट खाली हुई है. इस सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक 15-20 लोगों के आवेदन जिला कमेटी को मिल चुके हैं. हालांकि, मजबूत दावेदारी कमलरानी वरुण की बेटी ही मानी जा रही हैं. बेटी स्वनिल पेशे से टीचर हैं. इनके लड़ने की संभावना ज्यादा है.

8. नौंगाव सादात – मंत्री चेतन चौहान के भी निधन से सीट खाली हुई है. जिला कमेटी के एक पदाधिकारी ने बताया कि वैसे तो पार्टी हाईकमान जिनको चाहेगा चुनाव लड़ायेगा, लेकिन संगीता चौहान के लड़ने की संभावना ज्यादा है. संगीता चौहान दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी हैं. हालांकि वे राजनीति में सक्रिय नहीं रही हैं.

बीजेपी के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि पार्टी किसी कार्यकर्ता को चुनाव लड़ायेगी यह हाई कमान तय करेगा. सरकार ने पिछले साढ़े तीन सालों में शानदार काम किया है. आठों सीट बीजेपी जीतेगी. कार्यों के आधार पर सरकार के प्रति जनता में पॉजिटिव रिस्पांस है. पार्टी ने जाति और धर्म से उपर उठकर काम किया है और अंतिम छोर तक विकास पहुंचाया है.

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