संभल में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं, और जमीन के नीचे से कुछ ठोस प्रमाण भी मिल रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान वहां मंदिर के अवशेष भी पाए गए हैं। फिलहाल, जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी बनाई जा रही है, लेकिन उससे पहले संभल पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ झूठे दावे करने के मामले में सख्त कदम उठाया है। पुलिस ने वक्फ के नकली दस्तावेजों को लेकर एफआईआर दर्ज की है।
वास्तव में, संभल में जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी के लिए निर्धारित जमीन पर वक्फ की संपत्ति होने का दावा किया गया था। इस मामले की जांच के लिए प्रशासन ने एक तीन सदस्यीय टीम बनाई थी, और जांच में पाया गया कि पुलिस चौकी की भूमि वक्फ की संपत्ति नहीं है। दस्तावेजों को भी फर्जी करार दिया गया। इसके बाद संभल पुलिस ने प्रशासन की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस बीच, संभल के डीएम का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की संपत्ति नहीं है, और जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे, वे पूरी तरह से झूठे हैं।
यह क्षेत्र अत्यंत संवेदनशील है, क्योंकि यह इलाका घना और संकरी गलियों वाला है, और सुरक्षा की दृष्टि से यह एक महत्वपूर्ण स्थान है। इस क्षेत्र का इतिहास दंगों से जुड़ा हुआ है। जो भी दावा किए जा रहे हैं, जैसे प्राचीन मंदिरों, तीर्थों और कुओं के मिलने के, वे भी इस इलाके में ही पाए जा रहे हैं। हिंदू पक्ष का कहना है कि जामा मस्जिद का निर्माण हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया था।