लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने शनिवार को कनिष्ठ लिपिक अरविंद कश्यप को निलंबित कर दिया। अरविंद कश्यप पर नामांतरण के नाम पर आवंटियों से पैसे ऐंठने और फाइलों से महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब कर आवंटियों के काम को प्रभावित करने का आरोप है.
जिसके संबंध में आवंटियों द्वारा जनता अदालत सहित विभिन्न मंचों पर शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए उपाध्यक्ष ने बाबू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिये गये हैं.
अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि कनिष्ठ लिपिक अरविंद कश्यप के खिलाफ आवंटी चेतन सक्सेना ने शिकायत दर्ज कराई थी। चेतन सक्सेना के मुताबिक अरविंद ने जानकीपुरम योजना के सेक्टर जी स्थित भवन संख्या एलआईजी-45 का नाम बदलने के साथ ही म्यूटेशन शुल्क ऑनलाइन जमा करने के नाम पर 20 हजार रुपये की मांग की।
आरोप है कि 10 हजार रुपये एडवांस लेने के बाद भी अरविंद कश्यप ने उसका काम पूरा नहीं किया. जांच में पाया गया कि उस समय कार्य विभाजन के अनुसार सेक्टर जी का कार्य भी अरविंद कश्यप द्वारा नहीं देखा जा रहा था। इसके बावजूद अरविंद कश्यप ने चेतन सक्सेना को अपना काम करने के लिए ब्लैकमेल कर पैसे वसूले ।