27 साल पहले कानपुर के अनवरगंज इलाके में हुई इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में एडीजे-8 की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मथुरा जेल में बंद माफिया और बसपा नेता अनुपम दुबे को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. बसपा नेता और माफिया अनुपम दुबे ने 1987 में अपराध की दुनिया में कदम रखा, जब वह नाबालिग थे।
फर्रुखाबाद में तैनात ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई
14 मई 1996 को चलती ट्रेन में इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की हत्या कर अनुपम ने सुर्खियां बटोरीं। अनुपम के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अलावा गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई है. अनुपम दुबे एक गैंग का अपराधी है जिसके खिलाफ हत्या, लूट समेत गंभीर आरोपों के तहत 63 मुकदमे दर्ज हैं. 1987 में अनुपम दुबे के खिलाफ फतेहगढ़ कोतवाली में पहले मारपीट और कुछ दिन बाद हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद अपराध के क्षेत्र में उसका दबदबा बढ़ने लगा.