श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य अनुष्ठान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को रामनगरी अयोध्या पहुंचेंगे। वहीं 16 जनवरी को अक्षत श्रीराम अयोध्या नगरी में आएंगे और इसके साथ ही प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो जाएगा. शास्त्रीय परंपरा में यजमान को पूरे दिन उपवास के साथ आवश्यक गतिविधियां पूरी करनी होती हैं, इसलिए प्रधानमंत्री 22 तारीख को उपवास करेंगे और प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया पूरी करेंगे.
राम मंदिर परिसर में 22 नवंबर से लगातार चारों वेदों की सभी शाखाओं का पारायण और यज्ञ चल रहा है. इस अनुष्ठान में भाग लेने के लिए देश के सभी राज्यों से मूर्धा वैदिक विद्वानों और यज्ञाचार्यों को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में आमंत्रित किया जा रहा है। प्रदेश भर के वैदिक विद्वानों द्वारा किया जा रहा यह यज्ञ 15 जनवरी तक चलेगा। राम मंदिर का निर्माण निर्विघ्न हो इसी संकल्प के साथ यज्ञ प्रारंभ किया गया.
प्रधानमंत्री सरयू में स्नान भी कर सकते हैं
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर बयान में कहा गया है कि इस प्रक्रिया में यजमान के लिए पवित्र नदियों में स्नान करना भी आवश्यक कर्मों में शामिल है. 13 दिसंबर 2021 को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने गंगा में डुबकी लगाई. माना जा रहा है कि इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले स्नान कर सकते हैं. वह सरयू में डुबकी लगाएंगे और विधान में हिस्सा लेंगे.
भक्त प्रसाद स्वरूप राम मंदिर का मॉडल खरीद रहे हैं
जो लोग इन दिनों राम मंदिर देखने जा रहे हैं वे प्रसाद के रूप में भगवान राम से जुड़ी चीजें अपने साथ ले जा रहे हैं। इनमें श्रीराम मंदिर के मॉडल, टी-शर्ट, कुर्ता, टोपी, दुपट्टा, अंगूठी, कंगन, चाबी रिंग खरीद रहे हैं। इन वस्तुओं की बिक्री बढ़ने से व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं। अयोध्या रामलला मंदिर से पहले कई दुकानों पर भगवान राम का नाम लिखी चीजें मिलती हैं.