इस साल होली की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हर साल पूर्णिमा 24 मार्च को देर से शुरू होती है और फिर पूर्ण दिन भद्रा की स्थिति बन रही है। भद्रा में किसी भी स्थिति में होलिका दहन नहीं किया जाता है। इसलिए होइका दहन का मुहूर्त 24 मार्च को भद्रा के बाद रात 11 बजे किया जाएगा ।
जैसा कि सभी जानते हैं कि होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। होलिका दहन के अगले दिन पड़वा पार दिन होली खेली जाती है। होली में प्रदोष काल का भी महत्व होता है और होलिका दहन के लिए भद्रा काल का विचार अवश्य किया जाता है। इस बार प्रदोष काल वाली पूर्णिमा 24 तारीख को है, 25 तारीख को प्रदोष नहीं होगा, क्योंकि यह पूर्णिमा दोपहर में समाप्त होगी, इसके अलावा 24 मार्च को रात में भद्रा पड़ रही है। कुछ लोगों का मानना है कि होली 25 तारीख को मनाई जानी चाहिए, लेकिन उदया तिथि होने के बाद भी इस दिन होलिका दहन नहीं किया जाएगा और 26 मार्च को होली नहीं खेली जाएगी, क्योंकि इस दिन दूज होगी ।
भद्रा में दुम काल और मुख काल भी देखा जाता है। इन दोनों के समाप्त होने के बाद यह होलिका दहन किया जाता है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, 24 मार्च को भद्रा पुच्छ काल शाम 6.34 बजे से 7.54 बजे तक रहेगा, जबकि भद्रा मुख काल शाम 7.54 बजे से रात 10.07 बजे तक रहेगा. होलिका दहन भूलकर भी भद्रा काल में नहीं किया जाता है, इसलिए होलिका दहन का मुहूर्त रात 11:13 बजे से होता है। 24 मार्च की रात 11.13 बजे से 12.33 बजे के बीच सबसे अच्छा समय है ।