उत्तर प्रदेश विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र में पत्रकारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा सत्र के दौरान आमतौर पर पत्रकार विधान भवन के टंडन हॉल में बैठते थे। जहां के लिए एक पास भी जारी किया गया था. लेकिन इस सत्र में पत्रकारों को टंडन हॉल में जाने की इजाजत नहीं है. अब पत्रकार मंडप में स्थित प्रेस गैलरी में बैठकर ही ऊपर से सदन की कार्यवाही देख सकेंगे।
टंडन हॉल से पत्रकारों को हटाकर अब उन्हें पुराना प्रेस कक्ष आवंटित कर दिया गया है। इस प्रेस रूम में जगह इतनी छोटी है कि अब ज्यादातर पत्रकार प्रेस रूम के सामने वाली लॉबी में खड़े नजर आते हैं. इस उमस भरी गर्मी में एसी और पंखे की सुविधा नहीं होने के कारण मंगलवार से ही यहां लॉबी में खड़े पत्रकार पसीना बहाते नजर आ रहे हैं.
आमतौर पर पूरे विधान भवन में एसी चलता है, लेकिन अब प्रेस रूम के सामने वाली लॉबी में एसी बंद कर दिया गया है. आज जब पत्रकारों को प्रेस रूम में जगह नहीं मिली और वे बाहर लॉबी में खड़े-खड़े थक गये तो जमीन पर बैठ गये.
इस मामले जब कुछ पत्रकारों से बात हुई तो उन्होंने कहा की इस तरह का व्यवहार ठीक नही है पत्रकार खबरों के लिए सत्र में आता है और यहा बैठने की उचित व्यवस्था तक नहीं की जा रही है और उन्होंने कहा की पत्रकारों के लिए बनी मान्यता प्राप्त पत्रकार संवाददाता समिति को इसका संज्ञान लेते हुए इस पर विरोध जताना चाहिए लेकिन पिछले काफी समय से ये समिति भी पत्रकारों की आवाज उठाने में पीछे दिख रही है.
इस प्रकरण की फोटो जिनकी पोस्ट से वायरल हुई, वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला ने संवाद लाइव से कहा कि लखनऊ के पत्रकारों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है कि उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर तंत्र के जिम्मेदार जिन कथित नेताओं से संपर्क करके कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं.