ललितपुर – कोरोना काल मैं मजदूरों को सबसे अधिक राहत देने वाली योजना मनरेगा बन गयी है,वही प्रधान मंत्री और मुख्य मंत्री भी मनरेगा के तहत मजदूरों को रोजगार देने के लिए लगातार प्रयासरत है।
बुन्देलखण्ड के सबसे पिछड़े इलाकों में सुमार ललितपुर में लॉकडाउन के बाद लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने में मनरेगा ने सरकार की बड़ी मुसीबत को आसान कर दिया है, ललितपुर के जिलाधिकारी का कहना है कि देश मे लॉकडाउन के दौरान जिले में अब तक 13428 प्रवासी मजदूर आये है ,जिनमे से 8678 मजदूरों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिया गया,,अन्य मजदूरों को भी उनकी कुशलता को देखते हुए उनके ही क्षेत्र में काम देने का प्रयास किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में 2000 परियोजाएँ चल रही है जिसमे जिले के 89 हजार मजदूरो को रोजगार दिया जा रहा है ,वही अप्रेल 2020 से अबतक 26 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च किया गया है।
वही अन्य राज्यो से आपने गांव लौट मजदूर भी अपने गांव में रोजगार पा कर खुश है मजदूरों ने बताया कि जिले में रोजगार नही होने के चलते परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया था जिससे मजबूरन उन्हें रोजगार की तलाश में पलायन के लिए मजदूर होना पर रहा था,लेकिन अब अपने ही गांव में वह रोजगार पाकर खुश है और परिवार का भरण पोषण मैं कोई परेशानी भी नही है।