आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की। गहलोत ने रविवार को AAP से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, सोमवार को उन्होंने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, वीरेंद्र सचदेवा और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने की घोषणा की।
इस मौके पर गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके फैसले को ईडी और सीबीआई के दबाव का नतीजा बताने की कोशिशें की जा रही हैं, जो पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने कहा कि AAP ने अपने मूल सिद्धांतों से समझौता किया है, और यही उनकी पार्टी छोड़ने का मुख्य कारण है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी का केंद्र सरकार के साथ लगातार टकराव दिल्ली के विकास में बाधा बन रहा है।
दिल्ली के विकास को प्राथमिकता देने का दावा
गहलोत ने कहा कि वह दिल्ली की बेहतरी के लिए राजनीति में आए थे, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने हमेशा केंद्र और उपराज्यपाल के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने का प्रयास किया, लेकिन AAP सरकार हर छोटे से छोटे मुद्दे पर केंद्र से टकराव की राह पर चलती रही। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के नेता केवल टकराव की राजनीति में लगे रहते हैं, जिससे जनता से किए गए वादे अधूरे रह गए।
AAP पर मूल्यों से समझौते का आरोप
पूर्व मंत्री ने कहा कि अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी AAP एक उम्मीद लेकर आई थी, लेकिन समय के साथ पार्टी और उसके नेता ‘आम’से ‘खास’ बन गए। गहलोत ने पार्टी पर अपने बुनियादी सिद्धांतों को ताक पर रखने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल के सरकारी आवास की मरम्मत विवाद ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया और उसे बैकफुट पर जाना पड़ा।
भाजपा के नेतृत्व की तारीफ
भाजपा में शामिल होने के बाद गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि दिल्ली के विकास के लिए केंद्र के साथ बेहतर तालमेल जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा में शामिल होकर वह दिल्ली की जनता के लिए अधिक प्रभावी ढंग से काम कर पाएंगे।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत को पार्टी में शामिल होने पर बधाई दी और कहा कि वह एक ईमानदार और मेहनती नेता हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसे दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया। भाजपा को उम्मीद है कि गहलोत की एंट्री आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत करेगी।