अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उनके परिवार ने पोते व्योम की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठाए थे। परिवार ने मीडिया से बातचीत में यह चिंता जताई थी कि उन्हें नहीं पता था कि व्योम कहां है और यह भी डर था कि कहीं वह जीवित तो है। अतुल सुभाष की मृत्यु के कई दिनों बाद तक निकिता सिंघानिया का कोई पता नहीं चल पाया था, लेकिन अंततः बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उनकी मां और भाई को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, जहां बेंगलुरु पुलिस की पूछताछ में निकिता ने कई अहम खुलासे किए।
निकिता ने अपने बेटे व्योम की लोकेशन के बारे में बताया। बेंगलुरु पुलिस की पूछताछ में निकिता ने यह खुलासा किया कि उसने व्योम की जिम्मेदारी अपने रिश्तेदारों को सौंप दी है, जिससे अतुल सुभाष के परिवार को राहत मिली। जौनपुर पुलिस ने जानकारी दी कि चार साल का व्योम फिलहाल अपने रिश्तेदार के घर पर सुरक्षित है और स्कूल भी जा रहा है।
वहीं, अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में निकिता सिंघानिया, उनकी सास निशा सिंघानिया और भाई को पुलिस ने हिरासत में लिया है। तीनों को बेंगलुरु जेल में भेजा गया है और उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया है। उनकी हिरासत 30 दिसंबर को समाप्त होगी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अतुल सुभाष की मौत के बाद, उनके पिता पवन मोदी ने अपने पोते की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने आशंका जताई थी कि निकिता ने उनके पोते के साथ कुछ गलत तो नहीं किया। लेकिन अब पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के बाद परिवार को राहत मिली है। जौनपुर पुलिस के इंस्पेक्टर रजनीश कुमार के अनुसार, निकिता ने खुद बेंगलुरु पुलिस को बताया कि उसका बेटा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा है और उसकी देखभाल उसके रिश्तेदार कर रहे हैं।