एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में अब एक नया मोड़ आया है। अतुल की मां, अंजू देवी, ने अपने पोते की कस्टडी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.वी नागरत्ना और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक राज्यों को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि बच्चे के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है और उसकी मां उसका ठिकाना नहीं बता रही है।
अंजू देवी ने अपने पोते की कस्टडी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है। इस याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकारों से इस मामले पर जवाब तलब किया है। याचिका में कहा गया कि बच्चे का वर्तमान स्थान अज्ञात है, क्योंकि अतुल की पत्नी निकिता बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रही है। साथ ही, निकिता के भाई अनुराग सिंघानिया और मां निशा सिंघानिया भी हिरासत में हैं, जिससे उनकी पूछताछ कर बच्चे की कस्टडी दादा-दादी को सौंपने की मांग की गई है।
निकिता ने पुलिस को बताया था कि उनका बेटा फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहा है और उसकी कस्टडी निकिता के ताऊ सुशील सिंघानिया के पास है, लेकिन सुशील सिंघानिया ने पुलिस को इस जानकारी से इनकार किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होगी, जिसमें तीनों राज्यों के बीच इस मुद्दे पर निर्णय लिया जाएगा।