उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। त्रिवेणी संगम पर देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं और पूजा-अर्चना में व्यस्त हैं। हालांकि, इस बार महाकुंभ एक राजनीतिक विवाद का केंद्र बन गया है।
दरअसल, महाकुंभ क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे लेकर अखाड़ा परिषद ने आपत्ति जताई है।
कहां लगी है प्रतिमा?
रविवार को महाकुंभ के सेक्टर-16 में मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान के शिविर में उनकी तीन फीट ऊंची कांसे की प्रतिमा स्थापित की गई। सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने बताया कि मेले में आने वाले श्रद्धालु इस शिविर में आकर मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
अखाड़ा परिषद की नाराजगी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ क्षेत्र में मुलायम सिंह की प्रतिमा लगाने का विरोध किया है। परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा, “मुलायम सिंह की प्रतिमा लगाकर सपा हमें क्या संदेश देना चाहती है? उनके राम मंदिर आंदोलन में किए गए कार्यों और हिंदू विरोधी रुख को सभी जानते हैं।” जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने भी इस बयान का समर्थन किया।
सपा का पक्ष
जब नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय से पूछा गया कि क्या सपा प्रमुख अखिलेश यादव महाकुंभ में शामिल होंगे, तो उन्होंने कहा, “मैंने इस बारे में उनसे बात नहीं की है। हालांकि, मैंने शनिवार को गंगा में स्नान किया है।”इस घटना ने महाकुंभ मेले में धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक चर्चा को भी गर्म कर दिया है।