हाल के दिनों में भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बार-बार भूकंप की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे लोगों के बीच डर और चिंता बढ़ रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार सुबह उत्तराखंड के पहाड़ी जिले उत्तरकाशी में भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। झटके महसूस होते ही लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए।
दो बार महसूस किए गए झटके
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर उत्तरकाशी में पहले भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 दर्ज की गई। इसके बाद, सुबह 8 बजकर 19 मिनट पर एक और भूकंप आया, जो अधिक तीव्र था। इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई।
वरुणावत पर्वत से गिरने लगे पत्थर
दूसरे भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि वरुणावत पर्वत के भूस्खलन संभावित क्षेत्र से पत्थर गिरने लगे। इससे स्थानीय लोग घबराकर अपने घरों से बाहर आ गए। हालांकि, अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
प्रशासन सतर्क, डीएम ने दिए निर्देश
भूकंप के बाद, उत्तरकाशी जिले के डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सभी क्षेत्रों से स्थिति की जानकारी लेने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। यह घटना 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा कर गई है, जब उत्तरकाशी में 6.6 तीव्रता के भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी।
भूकंप क्यों आते हैं?
धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं। कभी-कभी ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं या खिसकती हैं, जिससे फॉल्ट लाइन्स पर घर्षण होता है। इस घर्षण से बनने वाली ऊर्जा जब बाहर निकलती है, तो भूकंप के रूप में महसूस की जाती है। हाल के वर्षों में, ऐसी घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जो चिंता का विषय बन गई है।