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दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी चुनावी मैदान में कदम रख दिया है।
इसी दौरान, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि योगी जी ने सही मुद्दा उठाया है। योगी ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और इस बात से दिल्ली के लोग पूरी तरह सहमत हैं।
अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि दिल्ली में 11 अलग-अलग गैंग सक्रिय हैं, जिन्होंने राजधानी को आपस में बांट लिया है। ये अपराधी व्यापारियों से खुलेआम फिरौती मांगते हैं और धमकियां देते हैं। लोगों को जान से मारने की धमकी देकर डराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर आए दिन गैंगवार हो रहे हैं, जिससे लोगों में खौफ का माहौल है। यहां तक कि महिलाओं और बच्चों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। रोजाना दिल्ली में 17 बच्चों और 10 महिलाओं के अपहरण की घटनाएं हो रही हैं। अपराध की घटनाएं जैसे हत्या, चाकूबाजी, चोरी और डकैती आम हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग इन हालातों से बेहद परेशान और डरे हुए हैं।
योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार के दावों पर टिप्पणी करते हुए केजरीवाल ने कहा कि मुझे नहीं पता कि यूपी में कानून व्यवस्था ठीक हुई है या नहीं, लेकिन योगी जी ने यह भी कहा कि यूपी में उन्होंने सभी गैंगस्टरों का सफाया कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि दिल्ली की कानून व्यवस्था दिल्ली सरकार के अधीन नहीं आती है।
पूर्वांचली और जाट वोटरों को साधने की कोशिश
हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचली और जाट समुदाय के वोटरों को लेकर भी अपनी रणनीति स्पष्ट की। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भाजपा जानबूझकर दिल्ली के पूर्वांचल के वोटरों के नाम मतदाता सूची से काट रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी ऐसा नहीं होने देगी।
वहीं, जाट समुदाय के लिए उन्होंने कहा कि भाजपा ने जाटों से जो वादे किए थे, वे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। केजरीवाल ने यह भी ऐलान किया कि उनकी पार्टी जाटों को ओबीसी आरक्षण के दायरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और इस दिशा में संघर्ष करती रहेगी, चाहे इसके लिए कितनी भी मेहनत क्यों न करनी पड़े।