मध्य प्रदेश में शराबबंदी हमेशा से एक प्रमुख मुद्दा रहा है, और सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दल भी इस पर लगातार अपनी मांग उठाते रहे हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी यह मुद्दा गरमाया था। चुनाव के बाद राज्य की मोहन यादव सरकार ने शुक्रवार को ऐलान किया कि शराबबंदी के पहले चरण में प्रदेश के 17 शहरों में शराब की दुकानें बंद की जाएंगी, जिसमें उज्जैन नगर निगम भी शामिल है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य को धीरे-धीरे शराबबंदी की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए धार्मिक नगरों में शराब की दुकानें बंद की जाएंगी। सीएम ने बताया कि जिन शहरों में यह कदम उठाया जाएगा, उनमें नगर निगम उज्जैन, नगर पालिका मेहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, नगर पंचायत ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक, महेश्वर, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर और कुछ ग्राम पंचायतें जैसे सलकनपुर, बांदकपुर, कुंडलपुर, बरमान कला, लिंगा और बरमान खुर्द शामिल हैं।
महेश्वर में हुई कैबिनेट बैठक में शराबबंदी के इस फैसले पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी गई। सीएम ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि जिन जगहों पर शराब की दुकानें बंद की जाएंगी, वहां भविष्य में कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी, और ये हमेशा के लिए बंद रहेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर शराबबंदी का फैसला लिया गया है, वहां अधिकांश धार्मिक स्थल स्थित हैं। विशेष रूप से मां नर्मदा तट के दोनों किनारों के 5 किलोमीटर क्षेत्र में पहले से लागू शराबबंदी की नीति को भी जारी रखा जाएगा, और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। सीएम ने यह सुनिश्चित किया कि धीरे-धीरे राज्य भर में शराबबंदी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।