हाल ही में देश के विभिन्न राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। खास बात यह है कि अधिकतर भूकंप सुबह के समय आए हैं। 17 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में सुबह 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र भी इसी क्षेत्र में था। इसी तरह, 27 फरवरी की सुबह असम के मोरीगांव जिले में 5.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे लोगों में घबराहट फैल गई। अचानक आए झटकों के कारण लोग नींद से जागकर घबराहट में घरों से बाहर निकल आए।
पड़ोसी देशों तक महसूस हुए झटके
गुवाहाटी समेत असम के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यह भूकंप सुबह 2:25 बजे 16 किलोमीटर की गहराई पर आया था। इसका प्रभाव केवल भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बांग्लादेश, म्यांमार, भूटान और चीन में भी हल्के झटके महसूस किए गए।
बार-बार आ रहे भूकंप
बीते दस दिनों के आंकड़ों को देखें तो भारत में लगातार किसी न किसी स्थान पर भूकंप के झटके दर्ज किए गए हैं। 21 फरवरी को लद्दाख में शाम 5:36 बजे 3.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसी तरह, 26 फरवरी को म्यांमार में 3.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।
25 फरवरी को कोलकाता में 5.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसका केंद्र बंगाल की खाड़ी में था। यह भूकंप भी सुबह के समय आया। 23 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 3.7 तीव्रता के झटके महसूस किए गए, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हो गए। 17 फरवरी को बिहार के सिवान में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे।
भूकंप क्यों आते हैं?
भूकंप आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान भी भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, क्योंकि जब पृथ्वी के अंदर का गर्म मैग्मा सतह की ओर आता है तो कंपन उत्पन्न होता है। इसके अलावा, यदि जमीन के नीचे किसी प्रकार का विस्फोट होता है, तो भी कंपन महसूस किया जाता है, जो भूकंप के समान प्रतीत हो सकता है।
लेकिन भूकंप का सबसे प्रमुख कारण टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल है। पृथ्वी की ऊपरी सतह कई टेक्टोनिक प्लेटों में बंटी हुई है, जिनमें यूरेशियन, भारतीय, अफ्रीकी, उत्तर अमेरिकी आदि प्रमुख हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो भूकंप उत्पन्न होता है।

