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राजस्थान में ओले गिरने से संकट, कई जिलों में सफेद चादर बिछी, किसानों की मेहनत पर पानी फिरा

राजस्थान में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश के कई इलाकों में बीते कुछ दिनों से भारी मात्रा में ओले गिर रहे हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अभी कुछ और दिनों तक ओलों से राहत मिलने की संभावना नहीं है। कई जिलों में ओलावृष्टि को लेकर अलर्ट जारी किया गया है, वहीं बारिश के चलते भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।

फसलों को भारी नुकसान, किसान परेशान

शेखावाटी क्षेत्र में शुक्रवार शाम हुई जबरदस्त ओलावृष्टि के कारण खेतों में बर्फ की मोटी परत जम गई, जिससे पूरा इलाका सफेद चादर में ढक गया। चूरू और झुंझुनूं जिलों में अचानक हुई इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सबसे ज्यादा नुकसान सरसों, चना और तारामीरा की फसलों को हुआ है, जो कटाई के लिए लगभग तैयार थीं। लेकिन भारी ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में बिछी ओलों की मोटी परत ने गांववालों को हैरान कर दिया। बर्बाद हुई फसलों को देखकर किसान बेहद चिंतित हैं और सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

बिजली आपूर्ति बाधित, प्रशासन से राहत की अपील

ओलावृष्टि के दौरान तेज आंधी-तूफान ने कई जगहों पर तबाही मचा दी। कई इलाकों में बिजली के खंभे और पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे गांवों में अंधेरा छा गया। बिजली के तार टूटने के कारण मरम्मत कार्य में भी परेशानियां आ रही हैं। किसानों और ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सर्वे कराकर राहत राशि देने की अपील की है। प्रशासन का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन किया जा रहा है और जरूरतमंद किसानों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव 1 मार्च तक बना रहेगा। इस दौरान कुछ इलाकों में बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। इसके बाद मौसम के शुष्क रहने की उम्मीद जताई गई है।

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