गुजरात और हरियाणा एटीएस की संयुक्त टीम ने राम मंदिर पर आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश किया है। एक संदिग्ध आतंकी की गिरफ्तारी के बाद इस खुलासे से उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
गुजरात एटीएस को खुफिया इनपुट मिला था कि फरीदाबाद में एक संदिग्ध व्यक्ति किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। इस सूचना के आधार पर गुजरात एटीएस और हरियाणा एसटीएफ (पलवल यूनिट) ने संयुक्त अभियान चलाया और रविवार को संदिग्ध को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी की पहचान अब्दुल रहमान के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या (पूर्व में फैजाबाद) जिले का रहने वाला है।
गिरफ्तारी के बाद क्या मिला?
पकड़े गए संदिग्ध अब्दुल रहमान की निशानदेही पर सुरक्षा एजेंसियों ने दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए, जो उसने फरीदाबाद के एक खंडहर में छिपा रखे थे। इसके अलावा, आरोपी के पास से देश के बड़े धार्मिक स्थलों से जुड़ी कई संदिग्ध वीडियो फाइलें भी मिली हैं। गुजरात एटीएस ने अब्दुल रहमान की तस्वीर भी जारी कर दी है।
आईएसआई से मिला था समर्थन
जांच में सामने आया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अब्दुल रहमान को राम मंदिर पर हमले के लिए प्रशिक्षण दिया था। आईएसआई के हैंडलर ने उसे दो ग्रेनेड मुहैया कराए थे, जिन्हें लेकर वह अयोध्या जाने की फिराक में था।
अब्दुल रहमान कौन है?
- आरोपी अब्दुल रहमान पेशे से मांस बेचने का काम करता था।
- सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के मुताबिक, वह अयोध्या के मिल्कीपुर का रहने वाला है।
- फरीदाबाद के पाली इलाके में “शंकर” नाम से छिपकर रह रहा था।
- वह जिस ट्यूबवेल के कोठरे में रह रहा था, उसके मालिक की हाल ही में मौत हो चुकी थी।
- वह कुछ जमातों के संपर्क में था, जिससे उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर पड़ी।
सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी सफलता
गुजरात एटीएस की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। एनआईए और गुजरात एटीएस ने संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। आरोपी को हिरासत में लेकर गुजरात ले जाया गया है, जहां उससे पूछताछ जारी है।
इस गिरफ्तारी के बाद अयोध्या, गुजरात और हरियाणा में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अब्दुल रहमान के अन्य साथियों और संभावित आतंकियों की तलाश में जुट गई हैं।

