कानपुर – यूपी का कानपुर पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है. हाल ही में हुए बिकरू कांड का ममामला अभी शांत भी नही था की जनपद के बर्रा में अपहरण के के बाद हुई हत्या के मामले ने सनसनी मचा दी. जिसके बाद अब यूपी पुलिस के कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं.
लगातार लचर चल रहीकेकानपुर पुलिस की कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री काफी नाराज़ चल रहे है. उनकी नाराजगी का असर भी देखने को मिला है. सीएम योगी ने आईपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी एसपी मनोज गुप्ता समेत 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. तत्कालीन एसओ बर्रा रणजीत राय थाना एवं चौकी इंचार्ज राजेश कुमार सस्पेंड कर दिया गया है.
आपको बता दे कि कानपुर शहर के बर्रा निवासी लैब टैक्नीशियन संजीत यादव का करीब एक महीने पहले 22 जून की रात को हॉस्पिटल से घर आने के दौरान अपहरण हो गया था. इस मामले में कानपुर पुलिस की भूमिका शुरुआत से ही सवालों के घेरे मे रही है. चौतरफा किरकिरी होने के करीब एक महीने बाद पुलिस ने बर्रा अपहरण कांड का खुलासा किया. संजीत के अपहरणकर्ता कोई प्रोफेशनल अपराधी नहीं बल्कि उसके खुद के दोस्त थे पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने कबूला कि 26 जून संजीत की हत्या कर उसका शव पांडु नदी में बहा दिया था. संजीत की हत्या करने के बाद 29 जून को अपहरणकर्ता ने संजीत के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन किया था. हालांकि, अपहरणकर्ताओं ने सबसे ज्यादा चौंकाने वाला खुलासा ये किया कि उन्होंने फिरौती का बैग उठाया ही नहीं. ऐसे में एक बार फिर से कानपुर पुलिस के कार्यप्रणाली पर उंगलियां उठ रही है. आरोप है कि पुलिस ने ही फिरौती की रकम अपहरणकर्ताओं को देने के लिए कहा था, लेकिन फिरौती का पैसा देने के बाद भी संजीत घर नहीं लौटा.