
बिहार में 2025 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कांग्रेस में मतभेद साफ नजर आ रहे हैं। दो दिन पहले कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद का फैसला इंडिया गठबंधन की बैठक में मिलकर किया जाएगा। लेकिन इस बयान के बाद कांग्रेस के विधायकों के बीच ही मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
तेजस्वी को लेकर कांग्रेस विधायकों में असहमति
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा का कहना है कि अभी महागठबंधन ने सीएम चेहरे को तय नहीं किया है। हालांकि, उनके इस बयान पर कांग्रेस के ही विधायक मुन्ना तिवारी ने असहमति जताई। मुन्ना तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी पहले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “निर्णय हो चुका है और इंडिया गठबंधन पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा। कल दिल्ली में आधिकारिक रूप से घोषणा हो चुकी है कि तेजस्वी यादव ही सीएम चेहरे होंगे।”
वहीं, कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने इस मुद्दे पर अलग राय रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री वही बनेगा जिसकी पार्टी को ज्यादा सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि आरजेडी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसलिए अगर वह बहुमत में आती है तो मुख्यमंत्री पद उसी को मिलेगा।
एनडीए ने तेज की चुनावी तैयारियां
जहां महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वहीं एनडीए ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। बुधवार को दिल्ली में एनडीए नेताओं का स्नेह मिलन कार्यक्रम हुआ, जहां बिहार चुनाव को लेकर रणनीति बनाई गई।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान ने बताया कि एनडीए बिहार में 225 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। चिराग पासवान ने कहा, “इस बार बिहार में एनडीए ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा। हमने उपचुनावों में 100% स्ट्राइक रेट के साथ सफलता हासिल की है। एनडीए एक विजयी गठबंधन है और हम मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे।”
बिहार चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। जहां एक तरफ महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर असमंजस है, वहीं दूसरी तरफ एनडीए ने अभी से चुनावी मोर्चा संभाल लिया है।