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मध्य प्रदेश के 19 शहरों में आज से शराब की बिक्री बंद, जानिए कौन-कौन से शहर शामिल हैं

मध्य प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और नशा मुक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के 19 पवित्र नगरों और ग्राम पंचायतों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इस निर्णय को 24 जनवरी 2025 को महेश्वर में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई थी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे धार्मिक स्थलों की गरिमा बनी रहेगी और आध्यात्मिक महत्व वाले क्षेत्रों में शराब के सेवन को रोका जा सकेगा। इस नीति के तहत उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मण्डला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक की संपूर्ण नगरीय सीमा में शराब की बिक्री बंद कर दी जाएगी। साथ ही सलकनपुर, कुण्डलपुर, बांदकपुर, बरमान कलां, बरमान खुर्द और लिंगा ग्राम पंचायतों में भी सभी मदिरा दुकानें और बार पूरी तरह बंद किए जाएंगे।

शराबबंदी का उद्देश्य और प्रभाव

इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों को शराब मुक्त बनाना और जनमानस में नैतिक और सामाजिक अनुशासन को बढ़ावा देना है। इससे शराब पर निर्भरता में कमी आएगी, नशे से होने वाली दुर्घटनाएँ कम होंगी, और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।

उज्जैन और अन्य धार्मिक स्थलों के निवासियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे वर्षों से शराबबंदी की मांग कर रहे थे, और अब उनकी प्रार्थनाएँ पूरी हो गई हैं। बाबा महाकाल के भक्तों ने इस फैसले के लिए सरकार को धन्यवाद दिया और मंदिर में प्रसाद चढ़ाकर आभार व्यक्त किया।

इस प्रतिबंध से युवाओं पर विशेष प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में कमी आएगी और सड़क दुर्घटनाओं में भी सुधार होगा। धार्मिक नगरी उज्जैन समेत अन्य स्थानों के नागरिकों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया है, जो समाज में स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देगा।

इस तरह, मध्य प्रदेश अब उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शराब पर प्रतिबंध लगाया है। इस निर्णय से सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।

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