
प्रयागराज जिले में सेना (एमईएस) से जुड़े एक घूसखोरी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए सीबीआई ने शनिवार को जूनियर इंजीनियर अनूप सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले, शुक्रवार को गैरिसन इंजीनियर रवि सिंह और असिस्टेंट गैरिसन इंजीनियर विमल कुमार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।
मामले में मिली जानकारी के अनुसार, तीनों आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि तीनों अभियुक्तों ने दिल्ली की फर्म रुद्राक्ष इंटरप्राइजेज से टेंडर की मंजूरी दिलाने के बदले में दो लाख 88 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। यह टेंडर जेम पोर्टल के माध्यम से मैनपावर सप्लाई का था, जिसकी कुल राशि 24 लाख रुपये थी। अभियुक्तों ने टेंडर पास कराने के बदले 12 प्रतिशत घूस की मांग की थी।
फर्म के संचालक पवन कुमार तिवारी ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई से की थी। शिकायत की जांच के लिए सीबीआई ने गुप्त रूप से तहकीकात कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए। इसके बाद एंटी करप्शन ब्रांच की टीम ने शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचकर कार्रवाई की और रवि सिंह व विमल कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
जब दोनों अधिकारियों से सख्ती से पूछताछ की गई, तो इस घूसखोरी में जेई अनूप सिंह की संलिप्तता भी उजागर हुई। इसके बाद, सीबीआई की टीम ने शनिवार को अनूप सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। जांच के दौरान सीबीआई ने तीनों आरोपियों के आवासों पर छापेमारी की, जहां से कई टेंडर से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए। इन दस्तावेजों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।