
अयोध्या में रामनवमी के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। रविवार की सुबह से ही श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में विविध धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं। दोपहर ठीक 12 बजे भगवान सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर तिलक के रूप में पड़ीं, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से भक्त उमड़ पड़े।
इस खास पल के साक्षी बनने के बाद श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। सूर्य तिलक के बाद भव्य आरती का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित जनसमूह ने “जय श्रीराम” के नारों से वातावरण को राममय कर दिया।
इस आयोजन के दौरान वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग कर सूर्य की किरणों को रामलला के ललाट तक पहुंचाया गया। मंदिर के ऊपर लगे दर्पणों पर सूर्य का प्रकाश पड़ा, जो परावर्तित होकर पीतल की नली में प्रवेश किया। इस नली में लगे विशेष दर्पणों ने किरणों को 90 डिग्री पर मोड़ा। फिर तीन लेंसों से गुजरते हुए ये किरणें गर्भगृह में लगे दर्पण तक पहुंचीं, जहां से वे दोबारा 90 डिग्री पर मुड़कर रामलला के ललाट पर 75 मिमी के तिलक के रूप में चमक उठीं।
प्रशासन ने भी व्यवस्था में कोई कमी नहीं छोड़ी। श्रद्धालुओं को धूप और गर्मी से राहत देने के लिए शरबत वितरित किया गया और बैठने की उचित व्यवस्था की गई। साथ ही, कई श्रद्धालुओं ने सरयू नदी में पवित्र स्नान कर पुण्य अर्जित किया।
इसी दिन, फैजाबाद से नव-निर्वाचित सपा सांसद अवधेश प्रसाद भी रामलला के दर्शन हेतु मंदिर पहुंचे। यह उनका चुनाव जीतने के बाद पहला दौरा था। उन्होंने रामनवमी के पावन पर्व पर रामलला के चरणों में शीश नवाकर अपने आपको उनका बड़ा भक्त बताया।