
टीवी और फिल्म जगत की जानी-मानी एक्ट्रेस उषा बच्चानी ने अपने दमदार अभिनय से एक खास पहचान बनाई है। उन्होंने कई मशहूर शोज़ और फिल्मों में निगेटिव किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। लेकिन जितनी दिलचस्प उनकी प्रोफेशनल लाइफ रही, उतनी ही उतार-चढ़ाव से भरी रही उनकी पर्सनल लाइफ।
उषा बच्चानी ने साल 2000 में बॉलीवुड के मशहूर विलेन माने जाने वाले महेश आनंद से शादी की थी। यह उषा की पहली शादी थी, जबकि महेश की यह चौथी शादी थी। हालांकि, यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चल पाया और दो साल के अंदर ही टूट गया। शादी के टूटने से उषा को ऐसा गहरा सदमा पहुंचा कि उन्होंने दोबारा कभी शादी करने का फैसला ही नहीं किया।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी के इस फैसले को लेकर खुलकर बात की। उषा ने बताया, “शुरुआत में मेरी भी ख्वाहिश थी कि मैं दोबारा शादी करूं, सजूं-संवरूं, सिंदूर लगाऊं… मगर जब पहली शादी ही टूट गई, तो यह डर सताने लगा कि अगर दूसरी भी नहीं चली तो खुद को कैसे संभाल पाऊंगी। इसी डर ने मुझे दोबारा शादी करने से रोक दिया। बच्चे और परिवार के बिना जीना आसान नहीं था, लेकिन मैंने अकेले ही जिंदगी को अपनाया।”
महेश आनंद ने उषा से अलग होने के बाद एक रशियन महिला लाना से पांचवीं शादी की थी। वहीं उषा ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
टीवी इंडस्ट्री में उषा बच्चानी ने कई चर्चित शोज़ में निगेटिव किरदार निभाए हैं, जिनमें ‘कुंडली भाग्य’, ‘उतरन’, ‘माता की चौकी’ और ‘द्रोपदी’ जैसे सीरियल शामिल हैं। फिल्मों की बात करें तो उन्होंने ‘गदर: एक प्रेम कथा’, ‘राजू चाचा’, ‘दुल्हन हम ले जाएंगे’, ‘दीवाने’, ‘कौन है जो सपनों में आए’ और ‘इश्कजादे’ जैसी हिट फिल्मों में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई।
आज भले ही उषा बच्चानी अकेली हों, लेकिन उनकी ज़िंदगी की कहानी कई लोगों को प्रेरणा देती है कि अकेले रहकर भी मजबूत और सफल जीवन जिया जा सकता है।