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रामायण में निभाए थे 11 रोल, फिर इंडस्ट्री से हुए बाहर ,अब इस तरह काट रहे दिन ये मुस्लिम एक्टर

रामानंद सागर की ‘रामायण’ 80 के दशक का वह ऐतिहासिक टेलीविजन धारावाहिक है, जिसने 1987 में प्रसारित होते ही देशभर में धूम मचा दी थी। जब यह शो टीवी पर आता था, तो गली-मोहल्ले सुनसान हो जाते थे। लोग पूजा की तरह इसे देखने बैठते थे और श्रद्धा के साथ टीवी स्क्रीन के सामने हाथ जोड़कर बैठ जाते थे। अरुण गोविल और दीपिका चिखलिया जैसे कलाकारों ने इस शो के ज़रिए अपार प्रसिद्धि पाई।

इसी शो में एक ऐसे अभिनेता ने भी काम किया था, जिसने एक नहीं बल्कि 11 अलग-अलग किरदार निभाए, लेकिन दुर्भाग्यवश इसके बावजूद उन्हें इंडस्ट्री में वो पहचान और काम नहीं मिल पाया जिसके वे हकदार थे। हम बात कर रहे हैं अभिनेता असलम खान की, जिनका अभिनय जीवन जितना रोचक रहा, उतना ही संघर्षपूर्ण भी।

असलम खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें कभी अभिनेता बनने का कोई खास इरादा नहीं था। दरअसल, वे प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की तलाश में थे, जब उनके एक दोस्त ने उन्हें एक्टिंग की दुनिया से परिचित कराया। उनकी शुरुआत टीवी शो ‘विक्रम और वेताल’ से हुई, जिसमें अरुण गोविल मुख्य भूमिका में थे।

‘रामायण’ में एंट्री की कहानी

असलम खान की ‘रामायण’ में एंट्री भी काफी दिलचस्प रही। उन्होंने इसमें समुद्र देव की भूमिका निभाई थी। इस किरदार के लिए पहले किसी और कलाकार को चुना गया था, लेकिन आखिरी समय पर जब वह अभिनेता पीछे हट गया, तब असलम को बैकअप के तौर पर डायलॉग बोलने का मौका मिला। लेकिन जैसे ही उन्होंने यह भूमिका निभाई, दर्शकों ने उन्हें दिल से अपना लिया और उनकी लोकप्रियता बढ़ गई।

छोटे पर्दे पर कई अहम किरदार

‘रामायण’ के बाद असलम खान ने ‘अलिफ लैला’, ‘श्री कृष्णा’, ‘सूर्यपुत्र कर्ण’, ‘मशाल’ और ‘हवाएं’ जैसे टीवी शोज में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। हालांकि उनके अभिनय की तारीफ तो खूब हुई, लेकिन इंडस्ट्री में स्थायित्व नहीं मिल सका। अंततः 2002 में उन्होंने एक्टिंग को अलविदा कह दिया।

आज कहां हैं असलम खान?

रिपोर्ट्स के अनुसार, असलम खान अब झांसी, उत्तर प्रदेश में रहते हैं और एक मार्केटिंग फर्म में कार्यरत हैं। उनके दो बच्चे हैं—एक बेटा और एक बेटी, जो अब बड़े हो चुके हैं। 2020 के लॉकडाउन के दौरान जब ‘रामायण’ का पुनः प्रसारण हुआ, तो असलम खान एक बार फिर सुर्खियों में आ गए और लोगों ने उन्हें फिर से याद किया।

असलम खान का सफर इस बात का प्रतीक है कि कभी-कभी प्रतिभा के बावजूद किस्मत साथ नहीं देती, लेकिन उनका समर्पण और विनम्रता आज भी उन्हें खास बनाती है।

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