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जो बच्चा कभी वाल्मीकि बना, कभी हनुमान… और अमिताभ बच्चन को ‘दादाजी’ कहता था, आज वो कहां है?

1990 के दशक में एक फिल्म आई थी, जिसका बजट तो भारी-भरकम था और उसमें सुपरस्टार अमिताभ बच्चन डबल रोल में नजर आए थे – लेकिन इसके बावजूद फिल्म सिनेमाघरों में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। बात हो रही है ‘सूर्यवंशम’ की, जो रिलीज़ के समय बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिट गई थी। फिल्म की कमाई इतनी कम रही कि इसका खर्चा तक नहीं निकल पाया और इसे एक डिजास्टर करार दे दिया गया।

मगर किसे पता था कि यही फिल्म बाद में टीवी पर तहलका मचा देगी! जब ‘सूर्यवंशम’ टेलीविजन पर आई, तो दर्शकों ने इसे हाथों-हाथ लिया। आज भी यह फिल्म अक्सर टीवी पर दिखाई जाती है और लोग इसके संवाद तक जुबानी याद रखते हैं।

फिल्म में अमिताभ बच्चन ने पिता और बेटे – दोनों का किरदार निभाया था। लेकिन इसके अलावा एक और किरदार भी था जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया – वह था हीरा ठाकुर के बेटे और ठाकुर भानू प्रताप के पोते का मासूम बच्चा, जो गलती से जहर मिली खीर खिला देता है। इस किरदार को निभाया था चाइल्ड आर्टिस्ट आनंद वर्धन ने।

आनंद वर्धन, जो अब बड़े हो चुके हैं, साउथ फिल्म इंडस्ट्री में एक चर्चित नाम बन गए हैं। उन्होंने चार साल की उम्र में एक्टिंग की शुरुआत की थी और ‘सूर्यवंशम’ से पहले ‘रामायणम’ में बाल हनुमान और वाल्मीकि जैसे पौराणिक किरदार निभाकर खूब लोकप्रियता हासिल की थी।

इतना ही नहीं, आनंद वर्धन ने अमिताभ बच्चन, वेंकटेश, जगपति बाबू जैसे कई दिग्गजों के साथ स्क्रीन शेयर की है। उनके अभिनय को सराहते हुए उन्हें साल 1997 में ‘नंदी अवॉर्ड फॉर बेस्ट चाइल्ड एक्टर’ से नवाजा गया था।

कुछ वक्त के लिए उन्होंने फिल्मों से ब्रेक लिया, लेकिन फिर उन्होंने ‘निदुरिंचु जहापाना’ फिल्म के जरिए बतौर लीड एक्टर वापसी की और अब वे दक्षिण भारतीय फिल्मों में जमकर नाम कमा रहे हैं।

“सूर्यवंशम” भले ही बड़े पर्दे पर नहीं चली, लेकिन इस फिल्म से जुड़े किरदारों ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली – खासकर वो मासूम बच्चा, जो अब बन चुका है साउथ का चमकता सितारा।

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