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ब्यूटी क्वीन से बी-ग्रेड तक, लंबाई बनी करियर की दुश्मन

70 के दशक से लेकर 90 के दशक तक बॉलीवुड में कई नई अभिनेत्रियों ने कदम रखा। इस दौर में कुछ ऐसी अदाकाराएं भी थीं जो अपने खूबसूरत अंदाज़ और अनोखी पहचान के दम पर इंडस्ट्री में छा गईं। हालांकि, इनमें से कुछ ही लंबे समय तक टिक पाईं। कई एक्ट्रेसेस ने कुछ ही फिल्मों में काम करके लोकप्रियता हासिल की और फिर अचानक ही फिल्मी दुनिया से गायब हो गईं। इनमें से कुछ तो ऐसी रहीं जिन्होंने अपनी चकाचौंध भरी शुरुआत के बावजूद खुद ही अपने करियर का ग्राफ गिरा दिया।

आज हम एक ऐसी ही अभिनेत्री की कहानी बता रहे हैं, जिसने सौंदर्य प्रतियोगिता से अपने करियर की शुरुआत की और थोड़े ही वक्त में दर्शकों के दिलों में जगह बना ली। हम बात कर रहे हैं सोनू वालिया की, जिनका असली नाम संजीत कौर वालिया है। सोनू 80 और 90 के दशक की सबसे ग्लैमरस और आकर्षक अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं। उन्होंने साल 1985 में फेमिना मिस इंडिया का ताज अपने नाम किया और फिर फिल्मों की दुनिया में कदम रखा।

सोनू वालिया को ‘खून भरी मांग’ जैसी फिल्मों में काम करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने रेखा और कबीर बेदी के साथ स्क्रीन साझा की। इस फिल्म में उनके बोल्ड और इमोशनल किरदार को काफी सराहा गया। इसके अलावा वे शाहरुख खान और दिव्या भारती की फिल्म ‘दिल आशना है’ में भी नजर आईं। लेकिन उनकी फिल्मी यात्रा ज्यादा लंबी नहीं रही।

असल में सोनू की लंबाई उनके करियर में बाधा बन गई। एक इंटरव्यू में खुद उन्होंने ये बात मानी थी कि इंडस्ट्री के कई अभिनेता उनके साथ काम करने में असहज थे क्योंकि वे उनसे लंबी थीं। उस समय बॉलीवुड में छोटे कद के हीरो मुख्य भूमिकाएं निभा रहे थे और यही वजह रही कि उन्हें अच्छे रोल मिलना बंद हो गए।

धीरे-धीरे सोनू को अच्छी फिल्मों के ऑफर मिलने बंद हो गए और उन्होंने कुछ बी-ग्रेड फिल्मों की ओर रुख किया। काफी संघर्ष के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया को अलविदा कहने का फैसला लिया। सोनू ने अमेरिका में रहने वाले एनआरआई सूर्य प्रताप सिंह से शादी कर ली और पारिवारिक जीवन को प्राथमिकता दी। दुर्भाग्यवश, उनके पति का 2009 में निधन हो गया।

आज सोनू वालिया एक्टिंग से पूरी तरह दूर हैं और एक प्रोडक्शन हाउस से जुड़कर काम कर रही हैं। एक समय की चमकदार स्टार अब लाइमलाइट से दूर एक शांत जीवन बिता रही हैं।

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