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जनता ने जताई नाराजगी, ऑनस्क्रीन भाई-बहन बने कपल की कैमिस्ट्री से मचा तूफान

हिंदी सिनेमा के सुनहरे दौर यानी 1940 और 50 के दशक में एक ऐसी अभिनेत्री ने कदम रखा, जिसने अपने अभिनय और नृत्य से दर्शकों के दिलों में जगह बना ली। यह नाम था मीनू मुमताज का। हालांकि मीनू अपने टैलेंट से कम और एक विवादास्पद सीन की वजह से ज्यादा चर्चा में रहीं।

मीनू मुमताज मशहूर हास्य अभिनेता महमूद की छोटी बहन थीं। लेकिन एक फिल्म में जब उन्होंने अपने ही सगे भाई के साथ रोमांटिक सीन किया, तो चारों ओर आलोचना का तूफान उठ खड़ा हुआ। लोगों ने फिल्म का बायकॉट करने की मांग की और मीनू को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा। इस विवाद ने उनकी निजी और पेशेवर ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया।

फिल्मों में कदम मजबूरी में रखा

मीनू का असली नाम मलिकुन्निसा अली था। उनके पिता मुमताज अली एक जाने-माने डांसर थे, लेकिन शराब की लत ने उनका करियर चौपट कर दिया। नतीजा यह हुआ कि घर की ज़िम्मेदारी मीनू के कंधों पर आ गई। सात भाई-बहनों के परिवार में आर्थिक तंगी के चलते सिर्फ 13 साल की उम्र में मीनू ने फिल्मों का रुख किया, हालांकि उनकी मां इसके सख्त खिलाफ थीं।

उनका टैलेंट जल्दी ही पहचाना गया और फिल्म ‘सखी हकीम’ (1955) से उन्हें पहला बड़ा मौका मिला। इसके बाद उन्हें ‘हावड़ा ब्रिज’ में एक गाना मिला – ‘गोरा रंग चुनरिया काली’, जिसमें महमूद के साथ रोमांटिक अंदाज़ में नजर आना पड़ा। यह वही दृश्य था जिसने उन्हें विवादों में ला खड़ा किया।

बोल्ड अंदाज़ और बेमिसाल डांस से बनाई पहचान

मीनू न सिर्फ खूबसूरत थीं बल्कि बेहद बोल्ड और आत्मविश्वासी कलाकार भी थीं। उन्होंने फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाई। ‘हावड़ा ब्रिज’ के बाद उन्होंने ‘कागज के फूल’ (1959), ‘चौदहवीं का चांद’ (1960), ‘साहिब बीवी और गुलाम’ (1962), ‘घूंघट’ और ‘घराना’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया। उनकी लोकप्रियता उस दौर में काफी बढ़ गई थी।

शादी और करियर का अंत

अपने करियर के चरम पर मीनू की शादी फिल्म डायरेक्टर एस. अली अकबर से 1963 में तय हो गई। शादी के बाद उन्होंने फिल्मों को अलविदा कहने का फैसला किया, लेकिन ‘जहां आरा’ और ‘पालकी’ जैसी फिल्में अधूरी थीं, जिन्हें पूरा करना था। मीनू ने गर्भवती होने के बावजूद शूटिंग जारी रखी। ‘पालकी’ को पूरा होने में चार साल लगे और 1967 में यह फिल्म रिलीज हो पाई।

विदेश में बसीं, और बीमारी ने तोड़ दिया

शादी के बाद मीनू मुमताज कनाडा में बस गईं। लेकिन साल 2003 में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और ब्रेन ट्यूमर का पता चला। इस बीमारी ने उनकी याददाश्त तक छीन ली थी, लेकिन ऑपरेशन के बाद उन्होंने अपनी पहचान फिर से पाई।

23 अक्टूबर 2021 को 79 वर्ष की उम्र में टोरंटो में उनका निधन हो गया।

रिश्तों की गहराई

मीनू मुमताज सिर्फ महमूद की बहन नहीं थीं, बल्कि वे मीना कुमारी की रिश्तेदार और मशहूर गायक लकी अली की बुआ भी थीं। उनके परिवार की कलात्मक विरासत का गहरा असर मीनू पर पड़ा था। उनके चार बच्चे हुए – एक बेटा एजाज और तीन बेटियां शहनाज, गुलनाज और महनाज

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