जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख़्ती बढ़ा दी है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने सभी ज़िलों के पुलिस अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं, विशेष रूप से धार्मिक स्थलों और पर्यटन केंद्रों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है।
सुरक्षा बढ़ाने के तहत संदिग्ध लोगों और वाहनों की गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील इलाकों में नियमित पैदल गश्त करने की हिदायत दी गई है। लखनऊ में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बस अड्डों पर सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं। चारबाग रेलवे स्टेशन और अमौसी एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच मेटल डिटेक्टर और स्कैनिंग मशीनों के ज़रिए की जा रही है। सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग भी तेज़ कर दी गई है, जबकि जीआरपी और आरपीएफ की टीमें पूरी तरह चौकस हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे ‘कायराना और निंदनीय कृत्य’ बताया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और क्षमायोग्य नहीं है। मैं इस दुःखद घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। भगवान श्रीराम से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्माओं को शांति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले।”
विपक्षी नेताओं ने भी जताया दुःख
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस हमले को दिल दहलाने वाला करार दिया। उन्होंने कहा, “पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला बेहद दर्दनाक है। घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए और केंद्र सरकार को आम नागरिकों व पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”
बसपा प्रमुख मायावती ने भी शोक प्रकट करते हुए कहा, “पर्यटकों को निशाना बनाना अत्यंत दुखद और चिंताजनक है। सरकार को इस गंभीर मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए और पीड़ितों को पूरी सहायता प्रदान की जानी चाहिए।”
हमले में 26 की मौत, दो विदेशी नागरिक भी शामिल
मंगलवार दोपहर पहलगाम के ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहे जाने वाले इलाके में हुए इस आतंकवादी हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है। मृतकों में दो विदेशी नागरिकों सहित कई पर्यटक और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकारों ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं।

