Posted By : Admin

पहलगाम आतंकी हमले पर वाड्रा का विवादित बयान बना मुसीबत, हाई कोर्ट करेगा फैसला

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस नृशंस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। जानकारी के अनुसार, हमलावरों ने पीड़ितों से कलमा पढ़ने को कहा और उनकी पहचान के आधार पर उन्हें निशाना बनाया। इस भयावह घटना में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं।

इस हमले को लेकर देशभर में रोष का माहौल है और आमजन से लेकर राजनीतिक दलों तक, पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। इस बीच कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा ने इस हमले पर एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।

रॉबर्ट वाड्रा का बयान

रॉबर्ट वाड्रा ने हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “यह एक दिल दहला देने वाला कृत्य है और मेरी संवेदनाएँ पीड़ितों के साथ हैं। लेकिन इस तरह के हमलों की जड़ें भी समझनी होंगी। देश में जिस तरह से अल्पसंख्यकों, खासतौर से मुसलमानों, के साथ व्यवहार हो रहा है, वह चिंताजनक है। जब अल्पसंख्यक असुरक्षित महसूस करते हैं तो ऐसे आतंकी संगठन इसे हथियार बनाकर नफरत फैलाते हैं। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह देश में समानता और सुरक्षा का माहौल बनाए।”

कोर्ट में याचिका दाखिल

वाड्रा के इस बयान के खिलाफ हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस समेत कई संगठनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की है। याचिका में केंद्र सरकार से मांग की गई है कि रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर जांच कराई जाए। साथ ही बीएनएस (BNS) की धाराओं के अंतर्गत उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। इस मामले में अदालत शुक्रवार को सुनवाई करेगी।

देश में बढ़ता आक्रोश

घटना के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों से तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। आम जनता, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने एक सुर में आतंकियों के खिलाफ कड़ी सर्जिकल कार्रवाई की मांग की है। वहीं, वाड्रा के बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छिड़ गई है, कई लोग इसे आतंकियों का बचाव बताकर उनकी आलोचना कर रहे हैं।

Share This